डराने-धमकाने की बात गलत
डराने-धमकाने की बात गलत रमकंडा(गढ़वा). रमकंडा प्रखंड के उदयपुर पंचायत के ग्रामीणों ने इस बात को गलत बताया है कि जेजेएमपी के जोनल कमांडर चंचल पासवान ने उनलोगों को विजय पासवान के पक्ष में मतदान करने के लिए हथियार के बल पर डराने-धमकाने का काम किया है. ग्रामीण दिलीप उरांव, विनोद सिंह, शमीम अंसारी, मंगलदेव […]
डराने-धमकाने की बात गलत रमकंडा(गढ़वा). रमकंडा प्रखंड के उदयपुर पंचायत के ग्रामीणों ने इस बात को गलत बताया है कि जेजेएमपी के जोनल कमांडर चंचल पासवान ने उनलोगों को विजय पासवान के पक्ष में मतदान करने के लिए हथियार के बल पर डराने-धमकाने का काम किया है. ग्रामीण दिलीप उरांव, विनोद सिंह, शमीम अंसारी, मंगलदेव प्रसाद, नंदलाल पासवान, चंद्रदेव राम, सुरेश यादव, विक्रम यादव, मुस्ताक अंसारी, भागीरथी भुईंया, ब्रजेश पासवान, विनोद भुईंया, भुवनेश्वर राम, छोटन पासवान सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने कहा कि जोनल कमांडर द्वारा किसी भी ग्रामीण को अपने भाई विजय पासवान के पक्ष में मतदान करने के लिए डराया-धमकाया नहीं गया है और न ही किसी भी प्रत्याशी को प्रचार-प्रसार बंद करने की चेतावनी दी गयी है. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी तक नहीं है. पंचायत के विभिन्न गांवों से पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि उनके पंचायत में सभी प्रत्याशी बिना कोई भय के अपना प्रचार कर रह रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि विजय पासवान का नाम जेजेएमपी से जोड़कर जनता के बीच उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है. निश्चित रूप से यह विजय के प्रति गहरी साजिश है. घटना की जानकारी नहीं थी: आनंदइधर निर्वाची पदाधिकारी के पास शिकायत करनेवालों में मुखिया प्रत्याशी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना की जानकारी उन्हें नहीं थी. एक आवेदन में हस्ताक्षर के लिए उन्हें बुलाया गया था. गलत जानकारी देकर उनसे आवेदन पर हस्ताक्षर करा लिया गया है. मेरा पोस्टर फाड़ा गया: विजयमुखिया प्रत्याशी विजय कुमार पासवान ने कहा कि बैनर पोस्टर विरोधियों का नहीं, बल्कि मेरा फाड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि जनता इस बात को जानती है. पंचायत में पिछले 20 वर्षों से गंदी राजनीति कर रहे राजद नेता सह मुखिया प्रत्याशी राजकिशोर यादव व लालमोहन पासवान युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में बढ़ता देख झूठी खबर फैलाने का काम किये हैं. अगर जोनल कमांडर द्वारा किसी को डराया-धमकाया गया होता तो इसकी चर्चा पंचायत मंे जरूर होती. लेकिन ऐसा कहीं नहीं है. अब मतदाता ही सही-गलत का फैसला करेंगे.