चुनाव के शोर में गुम हो गया रामाकांत हत्याकांड की चर्चा

चुनाव के शोर में गुम हो गया रामाकांत हत्याकांड की चर्चा तीन दिन बाद भी नहीं हुई हत्यारों की गिरफ्तारी गढ़वा. गुरुवार को शहर के नगवां मुहल्ला में पांच अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े रामाकांत महतो नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. घटना के तीन दिन बाद भी चुनाव के शोर में मृतक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 6:03 PM

चुनाव के शोर में गुम हो गया रामाकांत हत्याकांड की चर्चा तीन दिन बाद भी नहीं हुई हत्यारों की गिरफ्तारी गढ़वा. गुरुवार को शहर के नगवां मुहल्ला में पांच अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े रामाकांत महतो नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. घटना के तीन दिन बाद भी चुनाव के शोर में मृतक निर्दोष युवक रामाकांत के इंसाफ की आवाज गुम होकर रह गयी है. इस हत्याकांड में पुलिस को अबतक कोई भी सुराग हाथ नहीं लग सका है. विदित हो कि काफी दिनों के बाद गैंगवार व वर्चस्व की लड़ाई में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी से एक बार फिर गढ़वा शहर अशांत हो गया है. इसके पूर्व वर्चस्व की लड़ाई में एकरार खां, उदय पहलवान, बस मालिक प्रदीप तिवारी,जट्टू खान एवं उदय पहलवान का भांजा सहित आधा दर्जन लोगों की जानें जा चुकी है. लेकिन वर्चस्व की यह आग बुझने की बजाय दिन प्रति दिन भड़कती जा रही है. अब भी इस वर्चस्व को लेकर दो-तीन पक्षों में एक-दूसरे पर बंदूकें तनी हुई हैं. वर्चस्व की इस लड़ाई में अपराधियों के साथ-साथ निर्दोष लोगों को भी निशाना बनाये जाने से शहरवासी सशंकित हैं. शाम ढलते ही शहर की दुकानें बंद हो जा रही हैं और लोग अपने घरों में सुरक्षित पहुंचने के लिए बेचैन देखे जा रहे हैं. तीन दिन पूर्व शहर के नगवां मुहल्ले में जिस तरीके से दो मोटरसाइकिल पर सवार पांच अपराधियों ने फिल्मी स्टाइल में घटना को अंजाम दिया, उससे लोग सहमे हुए हैं. इसके पूर्व भी शहर के गढ़देवी मोड़ पर, अंतराज्यीय बस स्टैंड एवं दानरो टैक्सी स्टैंड में गोलीबारी की घटना घट चुकी है. इस हालात से निबटने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी तथा इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाना पुलिस के समक्ष चुनौती भी होगी. बहरहाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन व्यस्त है. इसी बात का फायदा उठाते हुए अपराधियों ने बीते दिनों शहर के नगवां मुहल्ले में उक्त घटना को अंजाम दिया.

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