पहाड़ के अस्तित्व पर संकट
धड़ल्ले से हो रही है पत्थर की अवैध तोड़ाई बिशुनपुरा(गढ़वा) : बिशुनपुरा प्रखंड के वनक्षेत्र में पत्थर माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से अवैध रूप से पत्थरों के उत्खनन के कारण कई पहाड़ों का अस्तित्व संकट में पड़ गया है. इन पहाड़ों से बेधड़क अवैध रूप से पत्थरों की तोड़ाई की जा रही है. जहां से प्रतिदिन […]
धड़ल्ले से हो रही है पत्थर की अवैध तोड़ाई
बिशुनपुरा(गढ़वा) : बिशुनपुरा प्रखंड के वनक्षेत्र में पत्थर माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से अवैध रूप से पत्थरों के उत्खनन के कारण कई पहाड़ों का अस्तित्व संकट में पड़ गया है. इन पहाड़ों से बेधड़क अवैध रूप से पत्थरों की तोड़ाई की जा रही है. जहां से प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर से पत्थर ढोये जा रहे हैं.
इन पत्थरों का उपयोग प्रखंड में संचालित क्रशर मशीनों में किया जा रहा है. यहां से निकाले जा रहे पत्थर बरडीहा एवं मेराल में चल रहे सरकारी कार्यों में भी उपयोग किये जा रहे हैं. बिशुनपुरा प्रखंड के अमहर ताड़ी पर विद्यालय स्थित वनभूमि क्षेत्र, बसनी पहाड़, लामी घाटी, चितरी गांव स्थित पहाड़, सारो जंगल, पिपरीकला जंगल क्षेत्र एवं सरांग पहाड़ी से बड़े पैमाने पर पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है. ग्रामीणों ने वन विभाग एवं खनन विभाग को सामूहिक रूप से आवेदन देकर अवैध पत्थरों के खनन पर रोक लगाने की मांग की थी.
लेकिन विभाग द्वारा तो कोई कार्रवाई नहीं की गयी, बल्कि दबंग पत्थर माफियाओं द्वारा ग्रामीणों को धमकाया गया. प्रखंड के वन क्षेत्रों में अवैध पत्थर उत्खनन के साथ पेड़ों की भी धड़ल्ले से कटाई की जा रही है.
टॉस्क फोर्स का प्रभाव नहीं : अवैध पत्थर उत्खनन को रोकने के लिये वन विभाग द्वारा टॉस्क फोर्स का गठन किया गया था. लेकिन इस टॉस्क फोर्स ने पत्थर माफियाओं के सामने घुटने टेक दिये हैं. पिछले आठ महीने से इस क्षेत्र में धड़ल्ले से पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है.लेकिन आजतक टॉस्क फोर्स द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
निष्क्रिय है वन विभाग : पत्थरों के बेखौफ अवैध उत्खनन के लिये पूरी तरह से वन विभाग जिम्मेवार है. वन विभाग द्वारा आज तक पत्थर माफियाओं के विरूद्ध एक भी कार्रवाई नहीं की गयी है. इस संबंध में वनपाल परसुराम सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने सवाल पर काफी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें जो करना होगा करेंगे, आपको जो करना है सो कीजिये.