अधिकार देने में टालमटोल क्यों

गढ़वा : वन अधिकार संघर्ष समिति द्वारा वन अधिकार कानून के क्रियान्वयन सहित छह सूत्री मांग को लेकर समाहरणालय पर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में काफी संख्या में अनुसूचित जनजाति के पुरुष एवं महिलाएं शामिल थीं. नारेबाजी करते हुए रैली नीलांबर नगर भवन परिसर से प्रारंभ की गयी. यह जुलूस समाहरणालय परिसर पहुंच कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2013 5:43 AM

गढ़वा : वन अधिकार संघर्ष समिति द्वारा वन अधिकार कानून के क्रियान्वयन सहित छह सूत्री मांग को लेकर समाहरणालय पर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में काफी संख्या में अनुसूचित जनजाति के पुरुष एवं महिलाएं शामिल थीं. नारेबाजी करते हुए रैली नीलांबर नगर भवन परिसर से प्रारंभ की गयी.

यह जुलूस समाहरणालय परिसर पहुंच कर धरना में बदल गया. बाद में उपायुक्त के नाम समिति द्वारा छह सूत्री ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में वन विभाग सहित सभी पदाधिकारियों को इस कानून के अंतर्गत ग्रामसभा के अधिकारों का सम्मान करने, अनुमंडलस्तरीय समिति के शिफारिश से ग्रामसभा को अवगत कराने, 2012 में संशोधित वन अधिकार अधिनियम से अवगत कराने तथा अंचल कार्यालय में दावा प्रपत्र क, ख एवं ग वन अधिकार समिति को नि:शुल्क उपलब्ध कराने की मांग की गयी है.

इसके पूर्व धरना स्थल पर विचार व्यक्त करते हुए नेताओं ने आरोप लगाया कि वन अधिकार अधिनियम कानून के पालन में शिथिलता बरती जा रही है.

जिला प्रशासन जान-बूझ कर जंगल में रहनेवाले अनुसूचित जनजाति व अन्य गरीब लोगों को अधिकार देने में टालमटोल कर रही है. उन्होंने कहा कि वन अधिकार समिति का पुनर्गठन के निर्देश होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा इसमें पहल नहीं की जा रही है.

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन उनकी मांगों पर विचार नहीं करता है, तो वे और कड़ा आंदोलन करेंगे. विचार व्यक्त करनेवालों में संयोजक नन्हेश्वर कोरवा, धर्मपाल मिंज, मोतीफादर, फ्रांसिस कुजूर, सुनेश्वर कोरवा, महेंद्र खरवार, अयोध्या सिंह खरवार, महेश्वर बाखला आदि के नाम शामिल हैं.

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