माओवादियों के बंद का मिलाजुला असर

बंद के दौरान बाहर जानेवाली गाड़ियां नहीं चलीं. गढ़वा : भाकपा माओवादियों के बंद का मिलाजुला असर रहा. जिला मुख्यालय से होकर गुजरनेवाले अंतरराज्यीय बसें नहीं चलीं. साथ ही गढ़वा से रांची जानेवाली बसें भी नहीं चली, जबकि स्थानीय स्तर पर छोटे व बड़े वाहनों का परिचालन सामान्य दिनों की तरह हुआ. गढ़वा से होकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2016 12:52 AM
बंद के दौरान बाहर जानेवाली गाड़ियां नहीं चलीं.
गढ़वा : भाकपा माओवादियों के बंद का मिलाजुला असर रहा. जिला मुख्यालय से होकर गुजरनेवाले अंतरराज्यीय बसें नहीं चलीं. साथ ही गढ़वा से रांची जानेवाली बसें भी नहीं चली, जबकि स्थानीय स्तर पर छोटे व बड़े वाहनों का परिचालन सामान्य दिनों की तरह हुआ.
गढ़वा से होकर छत्तीसगढ़, उतर प्रदेश व बिहार के लिए आने-जानेवाली बसें तथा मालवाहक गाड़ियां नहीं के बराबर चलीं. इसी तरह मेराल ग्राम स्टेशन स्थित बॉक्साइट लोडिंग स्थल पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में छत्तीसगढ़ के सामरी से बॉक्साइट लेकर आनेवाली ट्रकें भी नहीं चली. बंद का असर रमकंडा, भंडरिया, बड़गड़ जैसे प्रखंडों में ज्यादा देखा गया. यहां सरकारी कार्यालय व बैंक भी बंद से प्रभावित रहे. साथ ही इस इलाके में आवागमन बहुत कम हुआ. यद्यपि बंद को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क था. बंद के दौरान कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
बड़गड़ में व्यापक असर रहा : बड़गड़. जिला मुख्यालय से सुदूर छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे बड़गड़ प्रखंड मुख्यालय में माओवादियों के बंद का व्यापक असर था. प्रखंड के टेहरी, परसवार आदि से गढ़वा व मेदिनीनगर जानेवाली एक भी बसें नहीं चली. इसके कारण यात्रियों को भटकते देखा गया.
वहीं सामरी से बड़गड़ होकर मेराल रेलवे साइडिंग जानेवाली बॉक्साइट की गाड़ियां नहीं चली. बड़गड़ में एकमात्र वनांचल ग्रामीण बैंक की शाखा भी बंद थी. इसके कारण ग्राहकों को परेशानी हुई. यद्यपि बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा.

Next Article

Exit mobile version