पाश्चात्य संस्कृति को त्यागने की जरूरत : नरेंद्र
पाश्चात्य संस्कृति को त्यागने की जरूरत : नरेंद्रराष्ट्रीय स्वयं संघ के गणवेशधारकों के द्वारा बालिका मवि के मैदान से पथ संचलन की शुभारंभ की गयी, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: विद्यालय के मैदान पहुंची, जहां सभी लोगों ने बौद्धिक में भाग लिया.8जीडबलूपीएच17- पथ संचलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग प्रतिनिधि, […]
पाश्चात्य संस्कृति को त्यागने की जरूरत : नरेंद्रराष्ट्रीय स्वयं संघ के गणवेशधारकों के द्वारा बालिका मवि के मैदान से पथ संचलन की शुभारंभ की गयी, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: विद्यालय के मैदान पहुंची, जहां सभी लोगों ने बौद्धिक में भाग लिया.8जीडबलूपीएच17- पथ संचलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग प्रतिनिधि, गढ़वा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नववर्ष पर पथ संचलन का आयोजन कर वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर कन्या मवि के मैदान में बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पलामू से पहुंचे रमेश पांडेय द्वारा नववर्ष से जुड़े विषयों पर बौद्धिक दिया गया. उन्होंने कहा कि आज के दिन ही सृष्टि का निर्माण हुआ था. इसी दिन को विक्रम संवत् की शुरुआत हुई थी. आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगवार का जन्म दिवस भी आज ही के दिन है. हिंदू नववर्ष में प्रकृति में बदलाव देखने को मिलता है, जबकि 31 दिसंबर को प्राकृतिक रूप से कोई बदलाव नहीं होता. लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के अनुकरण की वजह से हम अपने नववर्ष को भूलते जा रहे हैं. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार पांडेय ने भी अपना संबोधन दिया. इसके पूर्व कन्या मवि के मैदान में गणवेशधारकों ने पथ संचलन शुरू किया, जो मुख्य पथ होते हुए मझिआंव मोड़ तक गयी और वहां से इंदिरा गांधी रोड होते हुए बिचली गली से रंका मोड़ होते हुए वापस कन्या मवि के मैदान में समाप्त हो गयी. इस अवसर पर जिला संघ चालक विद्यासागर, ज्वाला तिवारी, मुन्ना चौबे, मुरली श्याम सोनी, अनिल सोनी, अरूण अग्रहरी, सतीश मिश्रा, सोनु सिंह, सुनील केसरी, प्रवीण जायसवाल, रवि केसरी, विनोद मेहता, विरेंद्र जायसवाल आदि उपस्थित थे.