जल संकट, टाल रही हैं शादियां

धुरकी प्रखंड में गंभीर पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों को अपनी अप्रैल महीने में तय शादियों को टालना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि घर के लिए भी पानी की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं, तो बारातियों के लिए पानी वे कहां से लायेंगे. गरमी के दिनों में पानी की समुचित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2016 9:14 AM
धुरकी प्रखंड में गंभीर पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों को अपनी अप्रैल महीने में तय शादियों को टालना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि घर के लिए भी पानी की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं, तो बारातियों के लिए पानी वे कहां से लायेंगे. गरमी के दिनों में पानी की समुचित व्यवस्था के बिना शादी करना संभव नहीं है. इसलिए इस वक्त शादी को रद्द करना ही एकमात्र रास्ता है.
धुरकी (गढ़वा) : धुरकी प्रखंड के ठेकहा निवासी विनोद तुरिया की बेटी की बारात 24 अप्रैल को आनी थी. बेटी रीना की शादी पलामू जिले के नौडीहा में तय हुई है. बारातियों के स्वागत के लिए विनोद तुरिया ने अन्य सभी साधन तो जुटा लिये, लेकिन पानी कहां से लायें, यह गंभीर समस्या बन गयी.
ठेकहा गांव सहित आसपास के इलाके का जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि सामान्य दिनचर्या के लिए भी पानी जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में बारातियों को संभालने के लिये पानी की व्यवस्था भारी समस्या बन गयी. इसके कारण विनोद ने अपनी बेटी की शादी को रद्द कर दिया. पानी की समस्या के कारण अब वह अपनी बेटी की शादी नवंबर महीने में करेगा. विनोद ने बताया कि वह गरीब व्यक्ति है. किसी तरह व्यवस्था कर बेटी की शादी कर रहा है. टैंकर से पानी की व्यवस्था करना महंगा पडेगा.
इसलिये वह फिलहाल शादी को टाल दिया है. एेसी ही स्थिति धोबनी के योगेंद्र यादव से सामने हुई. इसकी बेटी की शादी भी अप्रैल महीने में तय थी. पानी की समस्या के कारण योगेंद्र ने भी अप्रैल की शादी को टाल दिया है. उसने कहा कि जबतक पानी का स्तर उपर नहीं आ जाता, तबतक के लिए शादी टाल दिया गया है.
ठेकहा दामर टोले पर 40 घर की आबादी पर एक चापाकल है. यह चापाकल दो-चार बाल्टी पानी मुश्किल से दे रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि वे लोग कुंबाकला बस्ती से आधा किमी चलकर पानी लाते हैं. वहां से पानी लाने में महिला व बच्चे सभी को लगना पड़ता है.इसी तरह धोबनी गांव के बिचला टोला पर पंचायत से पेयजल के लिए डीप बोर कराया गया था. लेकिन जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि वह बोर भी 10 बाल्टी पानी देते-देते थक जाता है.
इसलिये पानी लेने के लिए डीप बोर के पास सुबह से ही लंबी कतार लग जाती है. पानी भरने को लेकर लोगों के बीच में नोंकझोंक भी होती है. टोला की रहनेवाली रूखशाना खातून, संगीता देवी, अफशाना खातून, रोज-रोज के झगड़े से बचने के लिये गांववालों ने व्यवस्था बनायी कि जो पहले घड़ा-बाल्टी रखेगा, वही पहले पानी लेगा. कपड़ा धोने और नहाने के लिए पानी की व्यवस्था कहीं और से करने को कहा गया. ग्रामीण रामचंद्र यादव, झूलन यादव, हीरामन यादव, चिंता देवी, बिंदा देवी आदि ने कहा कि वे लोग कपड़ा धोने और नहाने के लिये आधा किमी दूर देवी मंदिर पर जाते हैं. उनके टोले पर एक चापाकल है, वह भी नाकाम है.
आवेदन मिलने पर व्यवस्था करेंगे: बीडीओ
धुरकी बीडीओ इजे लकडा ने कहा कि जहां कहीं भी पानी की समस्या है अथवा चापाकल खराब है, वहां के लोग उन्हें आवेदन दें. आवेदन देने पर पानी की व्यवस्था की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version