43 डिग्री तापमान में भी गुलजार ब्रजेश की बगिया
गढ़वा : गढ़वा जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर तिलदाग पंचायत के करूआ कला गांव निवासी पुष्प उत्पादक ब्रजेश तिवारी का नर्सरी 43 डिग्री तापमान में भी गुलजार है. फूलों के सैकड़ों किस्म उनके पास मौजूद है. श्री तिवारी अपने गांव में सत्य साईं नामक नर्सरी की स्थापना की है, जिसमें फूलों की कई प्रजातियों […]
गढ़वा : गढ़वा जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर तिलदाग पंचायत के करूआ कला गांव निवासी पुष्प उत्पादक ब्रजेश तिवारी का नर्सरी 43 डिग्री तापमान में भी गुलजार है. फूलों के सैकड़ों किस्म उनके पास मौजूद है.
श्री तिवारी अपने गांव में सत्य साईं नामक नर्सरी की स्थापना की है, जिसमें फूलों की कई प्रजातियों इस प्रचंड गरमी में भी लहलहा रही है. श्री तिवारी कहते हैं कि गरमी के कारण फूल के पौधों के रख-रखाव में परेशानी तो होती है, लेकिन आपमें इच्छा शक्ति हो तो रेगिस्तान को भी गुलजार बनाया जा सकता है. श्री तिवारी ने कहा कि इस गरमी में फूल झुलस जाते हैं, लेकिन उन्होंने कम पानी देकर उन्हें हरा-भरा बनाये रखा है.
कई फूलों को तो घी के बरामदे में रखकर उन्हें बचाना पड़ता है, बावजूद अधिकतर पौधे खुले आसमान के नीचे ही गुलजार हुए हैं. इनमें काफी मात्रा में गेंदा का फूल,डहेलिया, जरबेरा व गुलाब के पौधे लहलहा रहे हैं. उनके बगिया में गुलाब के 70 प्रजाति उपलब्ध है.
इनमें मीनी एपर, हाइब्रीड-टी, देशी गुलाब, चाइना रोज, जवाहर रोज, नूरजहां, लालबाग आदि शामिल है. इसके अलावा डहेलिया की 11 प्रजाति, गुलदाउदी की 30, ग्लेडियोलस की सात, जरबेरा की10 प्रजाति के अलावा ऑस्टर, एंटरहीनम, डैंथस, सूर्यमुखी, लिली, केंडुला, सैलोसिया,बालसम, क्रॉटन, कोलरम, एरिक पाम, चाइना पाम, कोचेया आदि शो प्लांट भी नर्सरी में उपलब्ध है.
वर्तमान में उनके नर्सरी में गुलाब, गेंदा, डहेलिया, जरबेरा आदि फूल लहलहा रहे हैं. श्री तिवारी कहते हैं कि यहां पानी और बिजली की गंभीर समस्या है. अगर इसमें सुधार हो जाता, तो गढ़वा के लोगों को फूलों का देशी के अलावा विदेशी नस्ल भी उपलब्ध कराते. वर्तमान में श्री तिवारी की देख रेख में सीआरपीएफ कंपनी के 172 बटालियन कैंपस के अलावा दर्जनों विद्यालय में फूलों की सजावट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.