गढ़वा का गौरव है पालिका परिवहन पड़ाव
झारखंड, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के यात्री बसों का होता है यहां ठहराव रात-दिन बसों के आवागमन के कारण यहां जिंदगी कभी रुकती नहीं है विनोद पाठक गढ़वा : गढ़वा का पालिका परिवहन पड़ाव झारखंड के ईद-गिर्द के तीन-चार राज्यों का केंद्रबिंदू है. झारखंड के पश्चिम छोर से बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और […]
झारखंड, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के यात्री बसों का होता है यहां ठहराव
रात-दिन बसों के आवागमन के कारण यहां जिंदगी कभी रुकती नहीं है
विनोद पाठक
गढ़वा : गढ़वा का पालिका परिवहन पड़ाव झारखंड के ईद-गिर्द के तीन-चार राज्यों का केंद्रबिंदू है. झारखंड के पश्चिम छोर से बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जानेवाली यात्री बसें इस पड़ाव से होकर ही गुजरती हैं. कई बसों का तो यहां अंतिम ठहराव होता है, तो कई बसें यहां पहुंचने के बाद लंबा विश्राम के बाद ही आगे की दूरी तय करती है.
इसके कारण इस बस पड़ाव को अंतराज्यीय बस पड़ाव के रूप में जाना जाता है. हमारे झारखंड प्रदेश में करीब आठ बजे के बाद सुरक्षा कारणों से इस ओर से बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद हो जाता है. रात आठ बजे के बाद एक-दो बसें रांची से आती हैं, जिनका यहां अंतिम ठहराव होता है.
लेकिन इसके उलट बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए इस बस पड़ाव से होकर रात में भी यात्री बसें चलती रहती हैं, जिसके कारण यदि यह कहा जाये कि इस पालिका परिवहन पड़ाव पर जिंदगी कभी ठहरती नहीं हैं, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. हां रात में कम यात्री व इक्के-दुक्के बसों के परिचालन के कारण रात 11 बजे से दो बजे तक थोड़ा सन्नाटा रहता है, जिसके कारण इसका गलत फायदा आसपास के चोर-उचक्के उठा लेते हैं.
बिहार का नंबर वन बस पड़ाव बनाना था
उपायुक्त श्री सत्पथी ने कहा था कि गढ़वा का पालिका परिवहन पड़ाव बिहार प्रदेश का(तब झारखंड नहीं बना था) नंबर वन बस पड़ाव होगा. न सिर्फ बसों के ठहरने और गुजरने के लिए पर्याप्त स्थान, बल्कि बस पड़ाव को सुंदर बनाने का भी सपना था.
इसलिए उन्होंने पालिका परिवहन पड़ाव से सटे रामबांध तालाब का जीर्णोद्धार कर उसका सुंदरीकरण करने और बगल में पालिका उद्यान और सामुदायिक शौचालय बनाने की पहल की. यद्यपि यह कार्य पूरा होने के पूर्व ही उनका स्थानांतरण हो गया. उनके जाने के बाद मोटा-मोटी काम तो करा लिया गया, लेकिन फिर भी उनके सपने के अनुकूल इस बस पड़ाव को नहीं बनाया जा सका. यह दूसरी बात है कि श्री सत्पथी द्वारा खींचे गये इस खाके को आज भी पूराकर पालिका परिवहन पड़ाव की खूबसूरती को कम से कम झारखंड प्रदेश में नंबर वन तो बनाया ही जा सकता है.
गढ़वा को शीर्ष पर लाना था
तत्कालीन उपायुक्त श्री सत्पथी कहते थे कि वे पालिका परिवहन पड़ाव को गढ़वा की पहचान बनायेंगे. उनका सपना था कि जब गढ़वा का उनका सारा प्रोजेक्ट पूरा हो जायेगा, तो वे गढ़वा जिला में प्रवेश करने के पूर्व सभी दिशाओं में बाहर बोर्ड लगावायेंगे कि आप गढ़वा जिला में प्रवेश करनेवाले हैं, मुस्कराकर आगे बढ़िये, गढ़वा आपके स्वागत के लिए तैयार है.
लेकिन यह बोर्ड लगने के पूर्व ही श्री सत्पथी राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से समय से पूर्व ही यहां से पटना के लिए स्थानांतरित हो गये. काश, तत्कालीन उपायुक्त के इस सपने को पूरा करने की पहल होती. तो आज गढ़वा सचमुच में झारखंड में शीर्ष पर हो सकता था. लेकिन दुर्भाग्य है कि फिलहाल नगर विकास विभाग द्वारा कराया जा रहा पालिका परिवहन पड़ाव के सुंदरीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्य जांच के घेरे में होने के कारण ठप पड़ा हुआ है.