चुआड़ी खोद कर पी रहे हैं पानी

समस्या. पेयजल संकट से जूझ रहे हैं खारीखाड़ गांव के लोग गढ़वा : बड़गड़ प्रखंड का टेहरी पंचायत अंतर्गत खीराखाड़ गांव आजादी के 67 साल भी उपेक्षा का दंश झेल रहा है़ अलग झारखंड राज्य बनने के साथ ही राज्य में पंचायती राज व्यवस्था भी कायम हुई. लेकिन इसके बाद भी इस गांव का विकास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2016 5:57 AM
समस्या. पेयजल संकट से जूझ रहे हैं खारीखाड़ गांव के लोग
गढ़वा : बड़गड़ प्रखंड का टेहरी पंचायत अंतर्गत खीराखाड़ गांव आजादी के 67 साल भी उपेक्षा का दंश झेल रहा है़ अलग झारखंड राज्य बनने के साथ ही राज्य में पंचायती राज व्यवस्था भी कायम हुई. लेकिन इसके बाद भी इस गांव का विकास नहीं हो पाया़ गांव में आदिम जनजाति के कोरवा परिवार के लोग रहते हैं. करीब 200 की आबादी वाला यह गांव दो टोला में बंटा हुआ है़
दोनों टोले के बीच से कुलवंती नदी गुजरती है़ इस समय कुलवंती नदी पूरी तरह से सूख चुकी है़ लोग पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में चार सरकारी चापाकल लगाये गये हैं, लेकिन इसमें से तीन चापाकल दो वर्ष से बेकार पड़ा हुआ है़, जबकि एक चापाकल जो प्राथमिक विद्यालय खीराखाड़ में लगा हुआ था, उसे भंडरिया-टेहरी मार्ग बनाने के दौरान संवेदक ने उखाड़ लिया. इस समय इस गांव के आदिम जनजाति पूरी तरह सूख चुके कुलवंती नदी में किसी तरह चुआड़ी का पानी खोद कर पी रहे हैं.
इस चुआड़ी में रुक-रुक कर एक-दो बाल्टी पानी निकलता है़ गांव की महिला धमशी देवी, फूलेश्वरी देवी, बसंती देवी, सुमन देवी, गुड़िया कुमारी, पीटर कोरवा, आलोक कोरवा, सुरेंद्र कोरवा अन्य ने बताया कि वे लोग मुखिया, प्रमुख सहित सभी पंचायत प्रतिनिधियों से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बार-बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की गयी़
पिछले दिन उन्होंने जिप सदस्य रमेश सोनी से भी मिल कर पेयजल समस्या से अवगत कराया़ लेकिन उन्होंने भी कोई पहल नहीं की. वहीं प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत रसोइया मचली देवी ने कहा कि पानी की समस्या के कारण विद्यालय में मध्याह्न भोजन भी प्रभावित हो गया है़

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