बारिश ने रोजी-रोटी छीनी
दिहाड़ी मजदूरों, सड़क पर खोमचा-दुकान लगाने वालों, दोना, पत्तल, दातुन बेचनेवालों के घरों के चूल्हे ठंडे पड़े. जनजीवन पर भी पड़ रहा है प्रतिकूल असर. जितेंद्र सिंह, गढ़वा. जिले में पिछले दो-तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने दिहाड़ी मजदूरों व सड़कों पर दुकान-खोमचा लगा कर अपनी आजीविका चलानेवाले लोगों की रोजी-रोटी का […]
दिहाड़ी मजदूरों, सड़क पर खोमचा-दुकान लगाने वालों, दोना, पत्तल, दातुन बेचनेवालों के घरों के चूल्हे ठंडे पड़े. जनजीवन पर भी पड़ रहा है प्रतिकूल असर.
जितेंद्र सिंह, गढ़वा.
जिले में पिछले दो-तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने दिहाड़ी मजदूरों व सड़कों पर दुकान-खोमचा लगा कर अपनी आजीविका चलानेवाले लोगों की रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न कर दिया है. मौसम के बिगड़े मिजाज से जनजीवन भी प्रभावित हुआ है. स्कूलों में पढ़नेवाले छोटे-छोटे बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है.
शनिवार को अहले सुबह से बारिश से बढ़ी ठंड ने लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है. प्रखंड के दर्जनों गांव से रोजी-रोटी की तलाश में प्रतिदिन शहर पहुंचनेवाले दिहाड़ी मजदूर के काम नहीं मिलने से उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. प्रखंड के विभिन्न गांव से आये मजदूर प्रदीप राम, सुखाड़ी कोरवा, राजेंद्र पासवान, विनय राम, रामजी राम, जगदीश बैठा, प्रसाद राम, जगजीवन राम आदि ने बताया कि वे प्रतिदिन सुबह उठ कर काम की तलाश में गढ़वा शहर पहुंचते हैं, लेकिन बारिश के कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा है. वे प्रतिदिन काम करते हैं, तो उनके घर में चूल्हा जलता है.
दो-तीन दिन से उनकी परेशानी बढ़ गयी है. बानूटीकर सहित अन्य गांव से मझिआंव मोड़ पुल पर दातुन, पत्तल व दोना बेचनेवाली महिला पार्वती देवी, समुंदरी देवी, कोशिला देवी, रजमतिया देवी, शुशीला देवी आदि ने बताया कि वे सभी हर रोज पत्तल, दोना व दातुन बेचने शहर में आती है. इसी से उनके घर का चूल्हा जलता है.
लेकिन मौसम खराब रहने के कारण उनका सामान भी नहीं बिक रहा है, इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना पड़ रहा है.