गढ़वा : गढ़वा के एसपी प्रियदर्शी आलोक ने बताया कि राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार करने के लिए गढ़वा से एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में दो महिला आरक्षी एवं एक पुरुष आरक्षी को न्यायालय का वारंट लेकर भेजा गया था़ वहां पहुंचने पर पुलिस ने घर में मौजूद एक मात्र सदस्य अर्पणा उर्फ पारूल, जो प्रियंका शाही मामले की अभियुक्त थी.
वह उपस्थित थी़ पुलिस ने उसे वहां के मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद स्थानीय अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले गयी थी़ इसी दौरान उक्त महिला ने महिला आरक्षी को गिरा दिया. फिर वहां से भागने लगी. काफी मुश्किल से उसे दुबारा हिरासत में लिया गया़, लेकिन स्थानीय स्तर पर महिला के कई रिश्तेदार एवं शुभचिंतक होने के कारण उसे लाने में पुलिस को काफी परेशानी हो रही थी़
महिला स्थानीय लोगों की मदद से पुन: छुड़ा कर भागने के प्रयास में थी़ इस परिस्थिति को देखते हुए गढ़वा से गयी महिला आरक्षी को भीड़ से निकालने तक उसे रस्सी से बांधना पड़ा़ एसपी यह मानते हैं कि कमर में रस्सा बांध कर लाना सुप्रीम कोर्ट व मानवाधिकार के गाईडलाईन के विरुद्ध है, लेकिन व्यवहारिकता में पुलिस अपनी ड्यूटी को पूरा करने के लिए कुछ समय के लिए महिला को रस्सी लगाने के लिए विवश हुई थी़ इस दौरान पुलिस का अन्य कोई इरादा नहीं था़ गढ़वा लाते ही अर्पणा को पुलिस ने जेल भेज दिया है़