चेकडैम की गहराई मापने गये दो बच्चे डूब कर मरे
नगरऊंटारी (गढ़वा) : प्रखंड अंतर्गत अलकर ग्राम से सटे जंगल में वन विभाग द्वारा बनाये गये चेकडैम में डूबने से दो बच्चों पवन व कृष्णा की मौत हो गयी. दोनों बच्चों के माता-पिता जीविकोपार्जन के लिए लकड़ी बेचने नगरऊंटारी गये थे. उनके लौटने पर उन्हें बच्चों के मौत की खबर मिली. मृत बच्चों के पोस्टमार्टम […]
नगरऊंटारी (गढ़वा) : प्रखंड अंतर्गत अलकर ग्राम से सटे जंगल में वन विभाग द्वारा बनाये गये चेकडैम में डूबने से दो बच्चों पवन व कृष्णा की मौत हो गयी. दोनों बच्चों के माता-पिता जीविकोपार्जन के लिए लकड़ी बेचने नगरऊंटारी गये थे. उनके लौटने पर उन्हें बच्चों के मौत की खबर मिली.
मृत बच्चों के पोस्टमार्टम किये जाने के भय से ग्रामीणों ने आनन-फानन में दोनों के शव को दफना कर अंत्येष्टि कर दी. घटना सोमवार की शाम चार बजे की है. दोनों दूसरी कक्षा के छात्र थे.
खेल-खेल में लगे डूबने : ग्रामीणों के अनुसार, स्कूल से लौटने के बाद विजय घासी का आठ वर्षीय पुत्र पवन व अमन तथा हरि प्रसाद घासी का पुत्र कृष्णा (नौ) गांव में बने चेकडैम के पास खेलने गये थे.
इसी बीच पवन व कृष्णा चेकडैम के पानी की गहराई मापने नीचे उतरे. दोनों इसी क्रम में चेकडैम के बीच अवस्थित कुएं में डूबने लगे.
उन्हें डूबता देख चेकडैम के ऊपर खड़ा पवन का भाई अमन अपने भाई को बचाने के लिए दौड़ा. वह पवन का हाथ पकड़ कर चेकडैम से बाहर उसे खींचना चाहा लेकिन वह भी डूबने लगा. चेकडैम के ऊपर खड़े जय कुमार घासी का दस वर्षीय पुत्र अमित ने उन्हें डूबते देख हल जोत रहे पिता को घटना की सूचना दी. जब तक जय कुमार चेकडैम के अंदर बने कुएं के पास पहुंचते पवन व कृष्णा डूब चुुके थे. उसने किसी तरह अमन को पानी से बाहर निकाला.
मौत की वजह बना चेकडैम के बीच बना कुआं
गांव के मुनगा घासी, संजय घासी, महेंद्र, राजकुमार, लालजी, रामप्रीत
घासी ने बताया कि वन विभाग द्वारा बनाये गये चेकडैम के बीच में कुआं था. जब जेसीबी से चेकडैम बनाया गया तो कुएं को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया. यदि कुएं को भर दिया जाता तो बच्चों की मौत नहीं होती. ग्रामीणों के अनुसार यदि कुआं को छोड़ दें तो चेकडैम में दो फीट से अधिक पानी नहीं है. चेकडैम के निकट चेतावनी सूचक संकेत भी नहीं लगाया गया है.