एक की मौत, 100 पीड़ित
गढ़वा. आदिम जनजाति के लोग मलेरिया की चपेट में रमकंडा : गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती रमकंडा प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल गोबरदाहा गांव में मलेरिया से एक की मौत हो गयी. वहीं 100 से अधिक लोग पीड़ित हैं. गांव में कुल 50 घर है. हर घर में लोग बीमार हैं. सोमवार को रामकली कुंवर नामक […]
गढ़वा. आदिम जनजाति के लोग मलेरिया की चपेट में
रमकंडा : गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती रमकंडा प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल गोबरदाहा गांव में मलेरिया से एक की मौत हो गयी. वहीं 100 से अधिक लोग पीड़ित हैं. गांव में कुल 50 घर है. हर घर में लोग बीमार हैं. सोमवार को रामकली कुंवर नामक महिला की मौत हो गयी.
वहीं तबकी कोरवा, महिपथ कोरवा, द्वारिका कोरवा, महेंद्र कोरवा, घुरबिगन कोरवा, विनती कोरवा, निहोरा कोरवा, धुमड़ कोरवा, सुदामा कोरवा, फागू कोरवा सहित सैकड़ों लोग बीमार हैं. ग्रामीणों ने गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाने की मांग की है़
पिछले वर्ष पांच बच्चों की हुई थी मौत : इस गांव में पिछले वर्ष मलेरिया से पांच बच्चों की मौत हो गयी थी़ ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मात्र एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है, वह भी बंद रहता है. कभी-कभी सिर्फ टीकाकरण के लिए खुलता है़ डॉक्टर कभी नहीं शुक्रवार को लगेगा स्वास्थ्य शिविर
इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ गौतम यादव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गोबरदाहा में इतने अधिक संख्या में लोगों को मलेरिया होना गंभीर मामला है़ शुक्रवार को उक्त गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया जायेगा़
रमकंडा के गोबरदाहा गांव का मामला
पुल टूटने के कारण नहीं चल रहे वाहन, डोली पर ले जाते हैं मरीज
आदम जनजाति बहुल यह गांव विकास से कोसों दूर है. गांव का स्वास्थ्य केंद्र अक्सर बंद रहता है. इलाज के लिए इन्हें प्रखंड मुख्यालय स्थित अस्पताल आना पड़ता है. पुल टूटने के कारण वाहन नहीं चल रहे. मरीज की स्थित गंभीर होने पर डोली के सहारे इन्हें 14 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है.
मजबूरी में लोग गांव के ही झोला छाप चिकित्सक से इलाज कराने को विवश हैं . कुछ लोग अशिक्षा के कारण ओझा से झाड़ फूंक करा रहे हैं.