तानाशाह हैं पुलिस कप्तान

मझिआंव : मझिआंव मुखदेव प्लस टू उवि परिसर में झारखंड नवनिर्माण मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक पर तानाशाही रवैया अपनाने को लेकर आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों के साथ महापंचायत का आयोजन किया गया है़ इसमें कहा गया कि एक ओर पुलिस के आला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 7:55 AM
मझिआंव : मझिआंव मुखदेव प्लस टू उवि परिसर में झारखंड नवनिर्माण मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक पर तानाशाही रवैया अपनाने को लेकर आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों के साथ महापंचायत का आयोजन किया गया है़
इसमें कहा गया कि एक ओर पुलिस के आला अधिकारी जनता से मित्रवत व्यवहार कर पुलिस के प्रति मन में बैठे भय को दूर करने का निर्देश हर थाने को देते हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस कप्तान जैसे आइपीएस जो पुलिस की गरिमा को दरकिनार करते हुए जनता में भय पैदा कर रहे हैं. महा पंचायत में लोगों ने कहा कि नगर पंचायत के पूर्व वार्ड पार्षद भुसुआ गांव निवासी इबरार खान, तौशिफ अहमद व फकोरन खान तथा मझिआंव निवासी मारुति नंदन सोनी से मामूली विवाद हुआ था़ इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक ने दोनों पक्ष के नौ-नौ लोगों को समझौता कराने के लिए गढ़वा कार्यालय में बुलाया, जहां दूसरे पक्ष की बात को अनसुनी करते हुए थाना प्रभारी एलबी हरिजन को उपरोक्त तीनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने का निर्देश दिया़ साथ ही भुसुआ के ही सरफराज खान, तौकिर खान व इंतजार खान को मौखिक रूप से जिला बदर करने का निर्देश दिया़ साथ ही समझौता करने गये लोगों से दुर्व्यवहार भी किया गया़ इसके बाद उन लोगों को मझिआंव थाना बुलाकर एक सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा कर उन्हें हाजत में बंद कर दिया गया और फकोरन खान को फरार घोषित किया गया़
महा पंचायत में शकील अहमद व आशीफ रजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब्ती सूची में पुलिस ने जबरन आर्म्स दिखाते हुए उनसे हस्ताक्षर कराया़ पुलिस के इस कार्रवाई से महापंचायत के लोगों ने कहा कि यह कार्रवाई काफी शर्मनाक है़ लोगों ने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो फरियाद लेकर किसके पास जायेंगे़ इधर थाना में कांड संख्या 120/16 दिनांक 05-09-16 भादवि की धारा 25(1-ए) बी 26/35 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है़ महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मामले की लिखित जानकारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी एवं मानवाधिकार आयोग को देते हुए सीआईडी जांच की मांग की जायेगी़ जांच नहीं होने पर क्रमबद्ध तरीके से जन आंदोलन किया जायेगा़
महा पंचायत में नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुनीता देवी, वार्ड पार्षद पार्वती कुंवर, बबलू रजवार, शेख इमामुद्दीन, मुस्तफा अंसारी, भुवनेश्वर पाल, दिनेश चौधरी, पंकज सिंह, साहिद अनवर खान, असगर अली, उपेंद्र चौधरी के अलावे भुसुआ, करमडीह, जोगीबीर, सरकोनी, चंदना, घुरूआ, तलसबरिया, लकदही अन्य गांव के ग्रामीण शामिल थे़

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