सड़क, बिजली, पानी को तरसा बेवरा टोला

समस्या. मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं आदिम जनजाति गांव के लोग 150 की आबादीवाले इस गांव में सड़क, बिजली, पेयजल का घोर अभाव रमकंडा (गढ़वा) : एक ओर सरकार जहां आदिम जनजाति के लोगों के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही हैं, वहीं आदिम जनजाति बहुल गांव रकसी पंचायत के बेवरा टोला में मूलभूत सुविधाओं का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2016 5:33 AM
समस्या. मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं आदिम जनजाति गांव के लोग
150 की आबादीवाले इस गांव में सड़क, बिजली, पेयजल का घोर अभाव
रमकंडा (गढ़वा) : एक ओर सरकार जहां आदिम जनजाति के लोगों के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही हैं, वहीं आदिम जनजाति बहुल गांव रकसी पंचायत के बेवरा टोला में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. रमकण्डा प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किमी दूर इस गांव में सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. 150 लोगों की आबादीवाले इस टोले में सड़क नहीं होने की वजह से लोग पगडंडी के सहारे प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते हैं.
बरसात में यहां के लोग प्रखंड से पूरी तरह कट जाते हैं. सड़क नहीं होने के कारण लोग मरीजों को डोली खटोली के सहारे झोलाझाप डॉक्टर के पास इलाज कराने ले जाते हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि अज्ञात बीमारी से पिछले वर्ष गांव की उर्मिला देवी की मौत हो चुकी है. सड़क नहीं होने की वजह से आज तक गांव में कोई प्रशासनिक अधिकारी भी नहीं पहुंचा है. बिजली नहीं होने की वजह से यहां के लोग आज भी ढिबरी युग में जीने को विवश हैं.अभी भी यहां के दर्जनों लोग राशन व पेंशन से पूरी तरह वंचित हैं. गांव में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है, दो कुएं के सहारे लोग हैं. गरमी के मौसम में ये कुएं भी सूख जाते हैं.
गांव में एक भी चापाकल नहीं है. ग्रामीण महेंद्र कोरवा, फेकन कोरवा, जीतेंद्र कोरवा, संतोष कोरवा, कैलाश कोरवा, सोमारू कोरवा, दौलत देवी, सुनीता कुमारी अनिता देवी आदि ने बताया कि गांव में शिक्षा व्यवस्था दयनीय है. एक विद्यालय है, जो कब खुलता और अब बंद रहता है, इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव से आज तक कोई मैट्रिक तक पास नहीं कर पाया है.
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय सिर्फ गांव में प्रतिनिधि पहुंचते हैं, उसके बाद गांव के लोगों को भूल जाते हैं.
दर्जनों गांवों में सड़कों की हालत जर्जर
इसके अलावा आदिम जनजाति गांव गोबरदाहा में भी सड़कों की हालत काफी जर्जर है. प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव मंगराहि, मुरली, दाहो, चपरि, हरहे, गोरेयकरम, गोबरदाहा, बलिगढ़, बिराजपुर सहित दर्जनों गांवों के सड़कों की हालत जर्जर है, जिस पर पैदल भी चलना काफी मुश्किल है. किसी तरह लोग इन सड़कों के सहारे प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचते हैं.
मनरेगा से होगा सड़क निर्माण : मुखिया
मुखिया रमावती देवी ने कहा कि गांव में सुविधाओं का घोर अभाव है. उन्होंने कहा कि दशहरा के बाद जल्द ही मनरेगा से गांव में सड़क बनायी जायेगी. वहीं गांव में मूलभूत सुविधा के लिए प्रयासरत हैं.
लोगों को सुविधाओं का लाभ दिलाया
जायेगा : एसडीएम
एसडीएम जावेद अनवर इदरीसी ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं हैं. जांच कर गांव के लोगों को सुविधाओं का लाभ दिलाया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version