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या अली, या हुसैन… से गूंजा प्रखंड
डंडई : डंडई प्रखंड के पांच गांवों के ताजिये की मिलनी एक दिन बाद गुरुवार को की गयी़ बुधवार को बैलाझखड़ा, लवाही, रारो, बैरियादामर व डंडई गांव के ताजिये का मिलनी स्थल पर कम जगह पड़ने के कारण विरोधस्वरूप मिलनी स्थगित कर दी गयी थी़ लोगों का कहना था कि उनके पूर्वज जिस स्थल पर […]
डंडई : डंडई प्रखंड के पांच गांवों के ताजिये की मिलनी एक दिन बाद गुरुवार को की गयी़ बुधवार को बैलाझखड़ा, लवाही, रारो, बैरियादामर व डंडई गांव के ताजिये का मिलनी स्थल पर कम जगह पड़ने के कारण विरोधस्वरूप मिलनी स्थगित कर दी गयी थी़ लोगों का कहना था कि उनके पूर्वज जिस स्थल पर फातेहा करते आये हैं, उस जगह पर अब धान की खेती है़
यदि उस स्थान पर मिलनी करेंगे, तो धान की खेती बर्बाद हो सकती है और इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है़ इसके कारण पांचों गांव के लोगों ने बुधवार को मिलनी नहीं किया़
मुसलमानों ने उपस्थित प्रतिनिधियों, थाना प्रभारी अनिल कुमार व अंचलाधिकारी अमित कुमार के समक्ष तीन महीने के अंदर मिलनी स्थल का सीमांकन करने तथा खेतिहर सीताराम के होनेवाले फसल की बर्बादी पर कानूनी कार्रवाई नहीं करने का लिखित आश्वासन मांगी़
आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने दूसरे दिन मिलनी किया़ यद्यपि बुधवार को ही उन्हें मिलनी करने के लिए समझाया गया, लेकिन इसके बावजूद कल मिलनी नहीं हो सका़, जिसके कारण मिलनी स्थल के आसपास ही उक्त पांचों गांव के सभी ताजिये रखे रहे़ ताजियेदार के साथ प्रशासन के लोगों को भी रात-भर वहीं समय बीतना पड़ा़ गुरुवार को सीओ द्वारा लिखित मिलने के बाद पुन: गाजे-बाजे के साथ मुसलमानों ने मिलनी किया़ साथ ही मुहर्रम के मेले का भी आयोजन किया गया़
मझिआंव : मझिआंव प्रखंड में मुहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस निकाला गया़ प्रखंड के चंदना, सकरकोनी, भुसुआ, जोगीबीर व मझिआंव का संयुक्त जुलूस मुख्य बाजार पथ मझिआंव में निकाला गया़ इस दौरान मुसलिम युवकों ने परंपरागत हथियारों से विभिन्न प्रकार की कला का प्रदर्शन किया़ जुलूस में शामिल लोग परंपरागत हथियारों के साथ हजरत हसन-हुसैन की याद में नारे लगा रहे थे़
साथ ही आकर्षक ताजिया व सिपड़ के साथ ढोल-तरासे के साथ चल रहे थे़ सभी ताजिये की मिलनी मझिआंव जामा मसजिद के पास की गयी़ इस अवसर पर टिकुलडीहा के कलाकारों ने लाठी, तलवारबाजी, बम-बारूद आदि के माध्यम से हैरतअंगेज कारनामे दिखाये गये़ इस दौरान एक कलाकार द्वारा अपने सीने पर डेढ़ क्विंटल का पत्थर रखकर घन से फोड़वाने की कला आकर्षण का केंद्र रही़ इस अवसर पर कलाकारों ने भारतीय सेना द्वारा पिछले दिन पीओके में घुसकर पाकिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध सर्जिकल स्ट्राइक करने की घटना की प्रस्तुति की.
कला के माध्यम से मुसलिम कलाकारों ने बहादुरी की प्रशंसा की़ कलाकारों ने नकली बंदूक में गोली के स्थान पर सुतली बम का प्रयोग किया था़ कार्यक्रम के बाद उक्त गांवों का संयुक्त जुलूस बाजार पथ एवं ब्लॉक मोड़ होते हुए करबला मोड़ पर पहुंचा, जहां ताजिये का पहलाम किया गया़ इस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद देखा गया़ जुलूस के साथ-साथ सुरक्षा को लेकर पुलिस के जवान चल रहे थे़
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