छठव्रतधारियों के लिए सूर्य मंदिर बना आस्था का केंद्र

नगरऊंटारी : अनुमंडल मुख्यालय में बांकी नदी के तट पर अब स्थित अति प्राचीन सूर्य मंदिर छठ व्रतधारियों के लिए आस्था व विश्वास का केंद्र है. इस मंदिर की नगरगढ़ की राजामाता सीता देवी ने कराया था. मंदिर निर्माण के बाद से ही यहां प्रत्येक वर्ष छठव्रती आने लगे. सीमवर्ती छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहास सहित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2016 8:00 AM
नगरऊंटारी : अनुमंडल मुख्यालय में बांकी नदी के तट पर अब स्थित अति प्राचीन सूर्य मंदिर छठ व्रतधारियों के लिए आस्था व विश्वास का केंद्र है. इस मंदिर की नगरगढ़ की राजामाता सीता देवी ने कराया था. मंदिर निर्माण के बाद से ही यहां प्रत्येक वर्ष छठव्रती आने लगे. सीमवर्ती छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहास सहित अन्य जगहों से छठव्रती यहां आते हैं. लोगों का मानना है कि यहां छठ व्रत करने उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है. यही कारण है कि नगरऊंटारी का अति प्राचीन सूर्य मंदिर लोगों के लिए आस्था व विश्वास का केंद्र बना है. प्रत्येक वर्ष लगभग 20 हजार व्रतधारी यहां आते हैं.
50 वर्ष से प्रभात क्लब छठ घाट की सफाई करता अा रहा है : प्रभात क्लब अपने स्थापना काल से छठ व्रतधारियों की सुविधा के लिए घाट व पूरे छठ परिक्षेत्र की साफ-सफाई कराते रहा है.
प्रभात क्लब के वर्तमान अध्यक्ष हजारी प्रसाद ने बताया कि प्रभात क्लब की स्थापना 1967 में हुई. उस समय क्लब के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण सिंह व सचिव सिद्धेश्वर लाल अग्रवाल थे. उन्हीं की देखरेख में क्लब ने इस परंपरा की शुरुआत की थी. जो आज तक चला आ रहा है.
क्लब के सचिव जयप्रकाश नारायण सिंह ने बताया कि इस वर्ष भी क्लब द्वारा छठ घाट पर रोशनी व ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाया जायेगा तथा व्रतधारियों के स्नान के लिए झरना की व्यवस्था की जायेगी. क्लब के सदस्य व्रतधारियों को हर संभव सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर है.
कार्यपालक पदाधिकारी ने किया था निरीक्षण : छठ घाट के निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी मुरली यादव ने साफ-सफाई कराने की बात कही थी. इसके बावजूद छठ घाट व बांकी नदी की सफाई का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है. ऐ(से में लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि नगर पंचायत केवल कागजी आदेश पारित कर रहा है.
बांकी नदी में लगा गंदगी का अंबार : अति प्राचीन सूर्य मंदिर के निकट स्थित बांकी नदी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. नदी के दूसरे हिस्से में नगरऊंटारी अनुमंडल मुख्यालय का गंदगी लाकर फेंका जाता है, जिसके कारण हमेशा दुर्गंध आता रहता है.

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