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मुसलमानों को सेना में 30% आरक्षण मिले

अंजुमन शोन वतन द्वारा आयोजित दहेज प्रथा के विरोध में मुसलिम महासम्मेलन का आयोजन जदयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि मुसलमानों को एक मोर्चे पर नहीं, 11 समस्याओं पर हमला बोलने की जरूरत गढ़वा : संस्था अंजुमन शाने वतन की ओर से दहेज प्रथा के खिलाफ शनिवार को जिलास्तरीय मुसलिम सम्मेलन का […]

अंजुमन शोन वतन द्वारा आयोजित दहेज प्रथा के विरोध में मुसलिम महासम्मेलन का आयोजन

जदयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि मुसलमानों को एक मोर्चे पर नहीं, 11 समस्याओं पर हमला बोलने की जरूरत
गढ़वा : संस्था अंजुमन शाने वतन की ओर से दहेज प्रथा के खिलाफ शनिवार को जिलास्तरीय मुसलिम सम्मेलन का आयोजन किया गया़ इसमें पूर्व राज्यसभा सांसद सह बिहार से जदयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी मुख्य अतिथि तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे़ गोविंद उवि के मैदान में आयोजित इस सम्मेलन में मुसलिम समाज के लोगों के अलावा विभिन्न राजनीतिक दल के लोगों ने भी शिरकत की़ इसमें पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, पूर्व प्रत्याशी सह जेएमएम के केंद्रीय महासचिव मिथिलेश ठाकुर, भाजपा नेता सह पूर्व प्रत्याशी अलखनाथ पांडेय, झामुमो के वरिष्ठ नेता कन्हैया चौबे,
झाविमो जिलाध्यक्ष सूरज कुमार गुप्ता आदि को भी आमंत्रित किया गया था़ कार्यक्रम में दहेज के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार जैसे आंदोलन शुरू करनेवाले धुरकी के मुस्लिम समाज के लोगों को सम्मानित किया गया़ इसमें मो ग्यासुद्दीन, अली अब्बास, ओबैदुल्लाह हक अंसारी, अतीकुर रहमान, मोबीन अंसारी, मो एनामुल, हाफिज नसीरूद्दीन, एनामुल रब आदि को सम्मानित किया गया़ गुलाम रसूल बलियावी ने दहेज के अलावा मुसलमानों की अन्य समस्याओं को भी रखा़ उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले गरीबी के नारे को बेचकर सत्ता तक नेता पहुंचते थे़, लेकिन अब धर्म को बेचकर सत्ता हासिल किया जा रहा है. देश के जल, थल एवं वायु सेना में से किसी का भी सेनाध्यक्ष आज तक मुसलमान नहीं बना है़, लेकिन मुसलिम समाज के लोग गुनाहगार हो सकते हैं, देश के गद्दार नहीं हो सकते़ उन्होंने कहा कि वे जब राज्यसभा में सांसद थे,
तब उन्होंने सेना की भर्ती में मुसलमानों को 30 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी़ आज मुसलिम सेना में कम हैं, इसके बावजूद आतंकवादी देश में घुसपैठ कर आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन जिस दिन मुस्लमानों को 30 प्रतिशत आरक्षण मिल गया, उस दिन 12 घंटे के अंदर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पर तिरंगा झंडा फहर जायेगा़ उन्होंने कहा कि मुसलमानों को किसी एक मोर्चे पर नहीं, बल्कि 11 तरह के मोर्चों पर हमला बोलने के लिये एकजुट होने की जरूरत है़ उन्होंने कहा कि देश की जनगणना की रिपोर्ट बताती है कि बेटियों की संख्या कम हो रही है, लेकिन मुसलमानों के बारे में अफवाह फैलाया जाता है कि वे चार-चार बीवीयां रखते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मोबाइल के उपयोग की वजह से लड़के एवं लड़कियां बिगड़ रहे हैं. लेकिन अभिभावकों में यह हिम्मत नहीं है कि वे मोबाइल छीनकर उसे सर्च कर सके.
दहेज प्रथा समाप्त करने के लिए सामाजिक पहल की जरूरत: प्रधान जज
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि दहेज प्रथा, डायन प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतयों को समाप्त करने के लिये सामाजिक पहल की जरूरत है़ सभी मामलों में कानून का सहारा लेना सही इलाज नहीं है़ उन्होंने कहा कि सभी धर्म एवं समाज के लोगों को पुरुष के समान महिलाओं को भी पढ़ाई व अन्य मामले में समान अवसर देने की जरूरत है़ कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ यासीन अंसारी तथा संचालन अंजुमन शाने वतन के केंद्रीय अध्यक्ष हाफिज तबीब आलम ने किया़ इस मौके पर उपरोक्त के अलावा जमीरूद्दीन अंसारी, हाजी जौआद, फरीद खां, फिरोज खां, शौकत कुरैशी, नसीम खां, फजिल अंसारी, अजय वर्मा, हाजी मुमताज अली, करीब अंसारी, नसीम अख्तर, याकूब इकबाल, मदनी खां, फैजान रजा, हाफिज मंसूर, हाजी निजामुद्दीन आदि उपस्थित थे़
बेटी के कदमों में होती है जन्नत
दहेज प्रथा की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बेटी के कदमों के नीचे जन्नत होती है़ लेकिन दहेज लेनेवालों का जमीर पूरी तरह मर चुका है़ लड़की वालों का जमीन बेचवाकर लड़केवाले बिरयानी की दावत देते हैं. उन्होंने कहा कि दहेज की रकम एवं बारात पर होनेवाले खर्च को बचाकर औलादों की पढ़ाई पर खर्च करने की जरूरत है़

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