सूचना अधिकार कानून को लेकर कार्यशाला में मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा
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सूचना नहीं देनेवाले अधिकारियों पर अर्थदंड के साथ कार्रवाई भी
सूचना अधिकार कानून को लेकर कार्यशाला में मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा गढ़वा : राज्य सूचना आयुक्त आदित्य स्वरूप शनिवार को गढ़वा पहुंचे़ उन्होंने सूचना का अधिकार कानून 2005 को लेकर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित दो घंटे के कार्यशाला में हिस्सा लिया़ उनके साथ राज्य सूचना आयोग के अवर सचिव नीरज कुमार भी उपस्थित […]
गढ़वा : राज्य सूचना आयुक्त आदित्य स्वरूप शनिवार को गढ़वा पहुंचे़ उन्होंने सूचना का अधिकार कानून 2005 को लेकर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित दो घंटे के कार्यशाला में हिस्सा लिया़ उनके साथ राज्य सूचना आयोग के अवर सचिव नीरज कुमार भी उपस्थित थे़ सभी विभागों के वरीय अधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल पदाधिकारियों, सीडीपीओ, थाना प्रभारी आदि को सूचना का अधिकार कानून की बारीकियों के बारे में कार्यशाला के माध्यम से बताया गया़
इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त श्री स्वरूप ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सूचना से संबंधित आवेदनों को लंबित नहीं रखें, बल्कि उसे निर्धारित 30 दिनों के अंदर निष्पादित करें. अन्यथा वैसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी़ उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि इस कानून के तहत अर्थदंड तो लगाया ही जाता है, साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है़
कार्यशाला के पश्चात पत्रकारों को उन्होंने बताया कि सभी विभागों के लिये जन सूचना अधिकारी एवं अपीलीय पदाधिकारी बनाये गये हैं, जहां से 10 रुपये का शुल्क देकर सूचना प्राप्त की जा सकती है़ उन्होंने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया पालन करने के बाद भी आवेदन को जन सूचना अधिकारी या अपीलीय पदाधिकारी के यहां से सूचना नहीं मिलती है तो आवेदक राज्य सूचना आयोग में आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सभी जन सूचना पदाधिकारियों व अपीलीय पदाधिकारियों को एक साथ बैठाकर उन्हें सूचना का अधिकार कानून से संबंधित कर्तव्य एवं दायित्वों से अवगत कराने के लिये यह कार्यशाला आयोजित की गयी थी़
अधिकांश ऐसे पदाधिकारी हैं, जो सूचना कानून से पूरी तरह वाकिफ नहीं हैं. इस कानून में जिस-जिस प्रकार की बारीकियां हैं, सभी से कार्यशाला में पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है़ एक सवाल के जवाब में श्री आदित्य स्वरूप ने कहा कि राज्य सूचना आयोग में जो पद रिक्त हैं, उसे भरने के लिये कार्मिक विभाग से अनुरोध किया गया है़ लेकिन इस संबंध में अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है़ इस अवसर पर उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा, पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार, उप विकास आयुक्त जगत नारायण प्रसाद सहित सभी विभाग के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे़
सूचना से संबंधित आवेदनों को लंबित न रखें, 30 दिन में निष्पादित करें
बैठक शुरू होने के बाद अधिकारियों के प्रवेश पर लगी रोक
राज्य सूचना आयुक्त आदित्य स्वरूप द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपराह्न 3.30 बजे बैठक शुरू की गयी़ बैठक शुरू होने के पांच-10 मिनट के बाद जो अधिकारी बैठक में शामिल होने के लिये पहुंचे, उन्हें बाहर ही रोक दिया गया़ बताया गया कि सूचना आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया है कि बैठक शुरू होने के बाद कोई भी अंदर नहीं आये़ साथ ही बैठक के बीच से किसी को बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गयी थी़ इस वजह से कुछ अधिकारी जो देर से पहुंचे, वे बैठक में हिस्सा नहीं ले सके़ प्रोजेक्टर के माध्यम से दो घंटे तक चले कार्यशाला में सूचना कानून से संबंधित सभी बिंदुओं पर अधिकारियों को विस्तार से बताया गया़ साथ ही इससे संबंधित सवालों का जवाब भी आयुक्त की ओर से अधिकारियों को दिये गये़
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