गंदे पानी से काम चला रहे हैं शहरवासी

पेयजल समस्या. शहर की जीवन रेखा दानरो नदी सूखते ही जलस्तर हुआ प्रभावित गढ़वा : गढ़वा शहर में मई महीना आते ही हर साल की तरह पानी को लेकर हाहाकार की स्थिति बन गयी है. पिछले कई साल से ही मई महीने में गढ़वा शहरवासियों को पानी के लिए बेचैन हो जाना पड़ता है. सुबह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 8:56 AM
पेयजल समस्या. शहर की जीवन रेखा दानरो नदी सूखते ही जलस्तर हुआ प्रभावित
गढ़वा : गढ़वा शहर में मई महीना आते ही हर साल की तरह पानी को लेकर हाहाकार की स्थिति बन गयी है. पिछले कई साल से ही मई महीने में गढ़वा शहरवासियों को पानी के लिए बेचैन हो जाना पड़ता है. सुबह से लेकर रात सोने तक लोगों को अपनी आवश्यकता के लिए पानी जुटाना चिंता का कारण बना रहता है. इसके कारण इस समय अधिकांश शहरवासियों को पानी की व्यवस्था करना इस समय दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है.
लोग सुबह से लेकर देर रात तक पानी की व्यवस्था में लगे रहते हैं. कुछ घरों को छोड़कर अधिकांश घरों में उनका डीप बोर या तो जवाब दे चुका है अथवा आवश्यकता भर पानी नहीं निकलने से परेशानी हो रही है. लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए नगर परिषद द्वारा टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाती है. यद्यपि इस साल टैंकर द्वारा जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी है.
इधर झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह गढ़वा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी मिथिलेश ठाकुर द्वारा भी पिछले कई साल से गरमी के दिनों में पानी की आपूर्ति की जा रही है. हर साल की तरह इस साल भी श्री ठाकुर के सौजन्य से टैंकर से जलापूर्ति शुरू की गयी है. लेकिन शहरवासियों को इस बात को लेकर गुस्सा है कि आखिर टैंकर पर आश्रित होकर उन्हें कबतक रहना पड़ेगा. लोगों को कहना है कि कोई भी टैंकर आते ही वहां बाल्टी, तसला लिए महिला-पुरुषों की इतनी भीड़ हो जा रही है कि स्वाभिमानी लोग पानी लेने से वंचित हो जाते हैं अथवा उन्हें जरूरत भर पानी नहीं मिल पाता है. इसके कारण लोगों में नगर परिषद के प्रति रोष है.
साइकिल से ढोते हैं पानी : राजेंद्र सिंह
टंडवा के ही राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस समय सभी के घर में पानी की समस्या हो गयी है़ वे अपने घर में सुबह-शाम साइकिल से पानी ढो रहे हैं. इस समय सबसे बड़ा काम घर में पानी का जुगाड़ करना हो गया है़
घंटों इंतजार के बाद मिलता है पानी : शेर सिंह
नगर परिषद के वार्ड 17 निवासी शेर सिंह ने कहा कि अभी तो मई में ही पानी की इतनी समस्या है़ मई के अंतिम सप्ताह से जून के शुरू तक पानी की और समस्या हो जायेगी़ उन्हें चापाकल पर पानी लाने के लिए लाना पड़ता है, जहां घंटों इंतजार के बाद पानी मिलता है़
नदी से ला रहे हैं पीने का पानी : विनोद गुप्ता
टंडवा मुहल्ला के विनोद प्रसाद गुप्ता ने कहा कि दानरो नदी में पानी सूखने के साथ ही उनके मुहल्ले का चापाकल भी खराब हो गया है़ इसके कारण पानी को लेकर समस्या हो गयी है़ मजबूरी में वे लोग नदी में जाकर जो पानी उसमें मौजूद है, वही लाकर काम चला रहे हैं.
जलस्तर नीचे जाने से हो रही है समस्या
गढ़वा शहर के लिए दानरो नदी जीवनरेखा मानी जाती है. इस नदी के पानी से ही न सिर्फ गढ़वा शहर में पेयजलापूर्ति आपूर्ति व्यवस्था की जाती है, बल्कि शहर का जलस्तर भी इस नदी से ही सही रहता है. इसके कारण शहर के लोगों द्वारा किया गया निजी डीप बोर अथवा नगर परिषद क्षेत्र का चापाकल भी दानरो नदी से ही प्रभावित होता है़ लेकिन इधर कुछ वर्षों से दानरो नदी मई आते-आते लगभग सूख जाती है़ इसके कारण गढ़वा शहर का जलस्तर नीचे चला जाता है़
पिछले बरसात में अच्छी बारिश हुई थी़ इससे लोगों को उम्मीद जगी थी कि अच्छी बारिश के असर से इस वर्ष दानरो नदी गरमी में भी नहीं सूखेगी और शहर का जलस्तर भी इस वर्ष बना रहेगा़, लेकिन ऐसा नहीं हुआ़ दानरो नदी में पानी सूख चुका है़ इस समय नदी में पानी के बजाय गंदा पानी बह रहा है़
इसके कारण जहां शहर का जलस्तर प्रभावित होकर नीचे चला गया़ वहीं दानरो नदी पर आश्रित शहर की जलापूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हो गयी़ इस समय पेय जलापूर्ति विभाग से सिर्फ एक बार शहर में जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन गरमी के दिनों में पानी की आवश्यकता बढ़ जाने के कारण शहर के लोगों के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रहा है़ जलस्तर नीचे जाने से शहर के अधिकांश चापाकल या तो सूख चुके हैं अथवा उनका जलस्तर नीचे जाने से उनमें कम पानी आ रहा है़ इसके कारण चापाकल पर जितनी भीड़ लग रही है, उतना पानी नहीं मिल पा रहा है़

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