हाथियों के झुंड ने एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला
हाथियों के झुंड ने एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला
चिनिया वन क्षेत्र के दाकुलदह जंगल में शनिवार की सुबह महुआ चुनने गये एक ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने कुचलकर मार डाला. मृतक चिरका गांव निवासी दशरथ सिंह (52 वर्ष) बताया गया है. उधर घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने दशरथ सिंह के शव को लेकर चिनिया-रंका मार्ग जाम कर दिया. करीब दो घंटे बाद वन अधिकारियों के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि दशरथ सिंह आम दिनों के तरह शनिवार की सुबह करीब पांच बजे चिरका गांव के बगल के जंगल दाकुलदह में महुआ चुनने गया था. इसी दौरान 20-25 की संख्या में वहां हाथी पहुंच गये. हाथियों को देखते ही दशरथ सिंह ने भागने का प्रयास किया, लेकिन हाथियों की संख्या अधिक होने के कारण वह घिर गया. हाथियों ने उसे अपने घेरे में लेकर पटक-पटक कर तथा कुचलकर मार डाला. इससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गयी. घटनास्थल के आसपास के जंगल में कई अन्य ग्रामीण महुआ चुन रहे थे. वह किसी तरह से हाथियों से जान बचाकर भागने में सफल रहे. घटना स्थल पर पहुंचे मृतक के पुत्र कैलाश सिंह, सुखदेव सिंह एवं उसकी पत्नी राजकली देवी की चीख-पुकार से पूरा जंगल गमगीन हो गया. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों और चिनिया थाना को दी. जानकारी मिलने के बाद चिनिया थाना से एएसआइ सुखराम उरांव एवं वन विभाग से अनिमेष कुमार घटना स्थल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली.
शव के साथ रोड जाम किया : पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा भेजने का प्रयास किया. लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने शव ले जाने से रोक दिया और मृतक के आश्रित के साथ चिरका गांव के पास चिनिया-रंका रोड पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया. ग्रामीण मृतक के आश्रितों को मुआवजा और हाथियों से सुरक्षा की मांग कर रहे थे. करीब दो घंटे बाद एएसआइ सुखराम उरांव एवं वनरक्षी प्रेमचंद दास के समझाने के बाद जाम हटाया गया. इस दौरान वनरक्षी प्रेमचंद दास ने मृतक के परिजनों को दाह- संस्कार के लिए तत्काल 10 हजार रु नकद दिया तथा सरकारी प्रावधानों के तहत चार लाख रु की मुआवजा राशि जल्द ही विभाग द्वारा दिलाने का आश्वासन दिया. तब करीब नौ बजे के बाद शव को अंत्यपरीक्षण के लिए गढ़वा भेजा गया.हाथियों को भगाने की मांग की : आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि उनके प्रखंड में हाथियों का करीब सात महीने से लगातार जारी है. लेकिन वन विभाग साथियों को भगाने की कोई पहल नहीं कर रहा है. इसके कारण जानमाल का लगातार नुकसान हो रहा है. ग्रामीण दहशत में रात गुजार रहे हैं. उन्होंने जानमाल की रक्षा के लिए उनके इलाके से हाथियों को भगाने की मांग की. मौके पर महावीर सिंह, रामबृक्ष सिंह, धनुकधारी सिंह, समाजसेवी फरीद खान, नंदू सिंह व परीखा भुईयां सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.