झारखंड में इस श्रेणी के 20 लाख मनरेगा मजदूरों का लगभग 300 करोड़ रु मजदूरी बकाया, दो माह से भुगतान लंबित
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत झारखंड में काम कर रहे अन्य श्रेणी (सामान्य व ओबीसी) के मजदूरों को काम करने के बावजूद पिछले दो महीने से मजदूरी नहीं मिल रही है.
गढ़वा : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत झारखंड में काम कर रहे अन्य श्रेणी (सामान्य व ओबीसी) के मजदूरों को काम करने के बावजूद पिछले दो महीने से मजदूरी नहीं मिल रही है. लेकिन इस अवधि में काम करने वाले एससी व एसटी श्रेणी के मनरेगा मजदूरों का नियमित भुगतान हो रहा है.
सभी जिलों में संचालित मनरेगा योजनाओं के भुगतान रिकॉर्ड से इसकी पुष्टि होती है. इससे एक ही योजना में एक साथ काम करने वाले ओबीसी, सामान्य, एससी व एसटी मजदूरों में से सिर्फ एससी व एसटी मजदूरों के खाते में मजदूरी की राशि पहुंच रही है. वहीं अन्य मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. अगर ऐसी स्थिति रही, तो ये मजदूर मनरेगा योजनाओं में काम करने की बजाय अपने परिवार का भरण पोषण के लिये पलायन करने पर विवश हो जायेंगे
ओबीसी व सामान्य वर्ग के हैं 28 लाख सक्रिय मजदूर :
जानकारी के अनुसार राज्य में अन्य श्रेणी (ओबीसी व सामान्य) के करीब 28 लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं. वहीं एससी श्रेणी के सक्रिय मजदूरों की संख्या करीब 4.60 लाख और एसटी श्रेणी के मजदूरों की संख्या करीब 12 लाख है. गढ़वा में अन्य श्रेणी के सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 2.51 लाख, खूंटी में 0.22 लाख, बोकारो में 1.38 लाख, चतरा में 1.23 लाख, देवघर में 1.76 लाख, धनबाद में 1.15 लाख, दुमका में 1.41 लाख, पूर्वी सिंहभूम में 1.01 लाख, गिरिडीह में 3.0 लाख, गोड्डा में 1.45 लाख, गुमला में 0.59 लाख,
हजारीबाग में 1.64 लाख, जामताड़ा में 1.14 लाख, कोडरमा में 0.78 लाख, लातेहार में 0.91 लाख, लोहरदगा में 0.29 लाख, पाकुड़ में 0.82 लाख, पलामू में 2.10 लाख, रामगढ़ में 0.57 लाख, रांची में 1.34 लाख, साहेबगंज में 1.14 लाख, सरायकेला-खरसांवा में 0.94 लाख, सिमडेगा में 0.39 लाख तथा पश्चिमी सिंहभूम में 0. 51 लाख हैं.