बरसात में ठप हो जायेगा अबुआ आवास का काम
बरसात में ठप हो जायेगा अबुआ आवास का काम
पिछले पांच महीनों से बंद बालू घाट पर इस वर्ष बालू का भंडारण नहीं हो सका है. इस कारण इस लोगों को बरसात के दिनों में बालू की किल्लत से जूझना पड़ेगा. वर्तमान में भी प्रखंड के सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यो में बालू की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. केतार प्रखंड में अबुआ आवास, पीसीसी पथ, भवन व गार्डवाल का काम बालू के अभाव में किसी तरह संचालित हो रहा है. इधर 10 जून से एनजीटी की रोक के बाद सोन एवं पंडा नदी से बालू उठाव पर प्रतिबंध लग गया है. बालू खनन, परिवहन व भंडारण पर 15 अक्तूबर तक यह रोक जारी रहेगा. इधर 18 जून से मॉनसून आने के संकेत हैं.. इस दौरान बालू भंडारित न रहने से अबुआ आवास लाभुकों को बालू नहीं मिल सकेगा.
एक आवास के लिए 20 हजार का बालू : लाभुक सविता देवी, चंपा देवी, सुनील सिंह, अनिल सिंह, कलिंदा देवी व बेवी देवी ने बताया कि बालू की किल्लत होने से उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें ऊंची कीमत पर बालू खरीदनी पड़ रही है. भवन निर्माण का कार्य बालू के बिना होना संभव नहीं है. एक आवास बनाने में छह ट्रैक्टर बालू की जरूरत पड़ती है. वहीं बालू खरीदने के लिए लगभग 20 हजार रुपये खर्च होता है. बताते चलें कि प्रखंड में 377 अबुआ आवास बनने हैं. बालू सही समय पर नही मिला, तो अबुआ आवास योजना लंबित हो जायेगी.बालू का स्टॉक खत्म है : इस संबंध में बालू घाट प्रभारी संजय पांडय ने बताया कि पाचाडुमर बालू घाट 31 जनवरी से ही बंद है. वहीं स्टॉक खत्म है. नये संवेदक आये हैं, लेकिन विभागीय कागजात पूरा नहीं होने के कारण इस बार बालू का उठाव सोन नदी से नही हो सका है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है