गढ़वा सदर अस्पताल में वर्ष 2021 में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत की गयी थी. गरीब व असहाय मरीजों को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए डायलिसिस मशीन लगायी गयी थी. लेकिन डायलिसिस यूनिट करीब एक साल से खराब है. इधर दूर-दराज से आये मरीजों को डायलिसिस कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज काफी उम्मीद के साथ डायलिसिस सेंटर आते हैं, लेकिन उन्हें आने के बाद निराश होकर लौटना पड़ रहा है. दरअसल सदर अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में चार मशीनें लगी हैं. इनमें एक मशीन साल भर पहले ही खराब हो गयी थी. जबकि अन्य मशीनों पर काम चल रहा था. लेकिन तीन महीने पूर्व दो और मशीनें खराब हो गयी. इधर चौथी मशीन भी कुछ दिनों पहले खराब हो गयी. इस तरह डायलिसिस की पूरी यूनिट ठप हो गयी है. मरीज सदर अस्पताल लातेहार रेफर : मंगलवार को गढ़वा सदर अस्पताल में आये मरीज पलामू जिले के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र के कोसियारा गांव निवासी नवाज खान की पत्नी संजीदा बीवी, पलामू जिले के हैदरनगर निवासी बदरूल शर्मा एवं गढ़वा थाना क्षेत्र के सुखवाना गांव निवासी रामसेवक साव को डायलिसिस की जरूरत थी. लेकिन सभी मशीनें खराब होने के कारण इन सबका डायलिसिस नहीं हो सका और स्थिति बिगड़ने पर डायलिसिस के लिए लातेहार सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. देखरेख की जिम्मेवार कंपनी बेपरवाह : सदर अस्पताल गढ़वा के सूत्रों ने बताया कि यहां लगी डायलिसिस मशीन की देखरेख की जिम्मेवारी इसकाग संजीवनी कंपनी को दी गयी है. लेकिन कंपनी इनकी देखरेख सुचारू रूप से नहीं कर रही है. डायलिसिस सेंटर की तकनीशियन सबीना प्रवीण ने बताया कि मशीन खराब होने की जानकारी कंपनी को दी गयी है, लेकिन अभी तक इन्हें ठीक करने की पहल नहीं की गयी है. सिविल सर्जन सुस्त, यूनिट भगवान भरोसे : इस संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बबलू पटवा ने बताया कि एक वर्ष से डायलिसिस यूनिट को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. भवनाथपुर विधायक प्रतिनिधि सतीश पाठक ने इस संबंध में लिखित शिकायत गढ़वा सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार को दी थी. लेकिन उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि डायलिसिस यूनिट में मरीजों को चादर व तकिया भी नहीं मिलता. इसके अलावा डायलिसिस के मरीज को दिया जाने वाला इपीओ इंजेक्शन भी लगभग आठ महीने से सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. भगवान भरोसे ही डायलिसिस सेंटर चल रहा है. कंपनी से बात हुई है : सिविल सर्जन इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि कंपनी के लोगों से बात हुई है. उन्होंने कहा कि जब तक मशीनें ठीक नहीं होती, तब तक वह लातेहार डायलिसिस यूनिट में मरीजों का डायलिसिस करवायेंगे.
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