कांडी प्रखंड के सुंडीपुर में मृत चमगादड़ों का मांस खाने वाले सभी ग्रामीण स्वस्थ हैं. स्वास्थ्य विभाग उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रहा है. किसी भी तरह की परेशानी सामने आने के बाद उन सभी के त्वरित एवं समुचित इलाज की व्यवस्था होगी. उक्त बातें मंगलवार को राज्य सर्विलांस पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कही. वह कांडी प्रखंड के सुंडीपुर से लौटने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे. मौके पर राज्य महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कर्ण, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार मिश्र एवं डीपीएम समरेश सिंह उपस्थित थे. डॉ प्रदीप ने कहा कि 28 मई को चमगादड़ों की मौत होने के बाद 13 ग्रामीणों ने उसका मांस पकाकर खाया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद गढ़वा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता दिखायी और वहां शिविर लगाकर उन सभी ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की. इस दौरान उनके रक्त के नमूने लेकर सीबीसी व केएफटी सहित अन्य कई जांच करायी गयी थी. जबकि पशुपालन विभाग ने मृत चमगादड़ में वायरस पाये जाने संबंधी जांच को लेकर इसका सैंपल एकत्रित कर कोलकाता भेजा है. उसकी जांच रिपोर्ट भी आ जायेगी. उन्होंने कहा कि उनकी टीम में शामिल राज्य महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कर्ण के साथ जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार मिश्र, सीएचसी मझिआंव के एमओआइसी डॉ गोविंद प्रसाद सेठ व पशुपालन विभाग के डॉ अमित ने मंगलवार को सुंडीपुर जाकर तथा ग्रामीणों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ली है. बताया गया कि किसी भी ग्रामीण को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में सात से 14 दिनों तक फॉलोअप किया जाता है. फिलवक्त चमगादड़ के मांस खानेवाले किसी भी ग्रामीण में न्यूरोलाजिकल लक्षण भी गड़बड़ नहीं है. यह सब स्वास्थ्य विभाग के लिए अच्छी बात है.
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