नदी में बना दिया आंगनबाड़ी केंद्र, बरसात के बाद से हैं बंद

नदी में बना दिया आंगनबाड़ी केंद्र, बरसात के बाद से हैं बंद

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2025 9:21 PM

रंका. सरकार की उदासीनता एवं देखरेख के अभाव में बरसात के दिनों में पानी टपकती छत व उजड़ी खिड़कियों के बीच टूटी फर्श पर बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में बैठ कर पढ़ने-खाने को विवश होते हैं. रंका अनुमंडल मुख्यालय के दो आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-दो एवं पांच शामिल हैं. आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-2 में बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, जबकि खिड़कियां उखड़ गयी हैं और फर्श भी टूट गयी है. इस वजह से यह केंद्र पिछले पांच महीने से बंद है. जबकि आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-पांच उसी जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. दरअसल ये दोनों आंगनबाड़ी केंद्र नदी के डूब क्षेत्र में बना दिये गये हैं. इस वर्ष हुई भारी बारिश के बाद नदी में आयी बाढ़ से दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों में चार-पांच फीट पानी जमा हो गया था. इससे दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी के साथ बालू एवं कचरा भर गया है. इसके बाद से ही आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-दो बंद है. सेविका जिन्नत तारा दूसरे घर में आंगनबाड़ी केंद्र चला रही है. उसने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र नदी में बना दिया गया है. इस वजह से चारों ओर थेथर पौधा व झाड़ी से यह घिरा हुआ है. झाड़ी होने के कारण केंद्र में सांप-बिच्छु के घुसने का डर बना रहता है. ठेकेदार ने जैसे-तैसे भवन तो बना दिया, लेकिन यह काफी जर्जर हो गया है. दरवाजा, खिड़की, फर्श सभी टूट गये हैं. उन्होंने बताया कि जब-जब बरसात होती है, तब-तब केंद्र में पानी घुस जाता है. इस वर्ष भारी बारिश होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र चार – पांच फूट पानी में डूब गया था. साथ ही बालू व कचरा घुस गया है. बच्चों को बैठने की जगह नहीं है. इसलिए आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिया गया है. पांच महीने से दूसरे के घर में केंद्र चला रहे हैं. वहीं आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-पांच की सेविका विनिता देवी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र नदी के डूब क्षेत्र में होने के कारण बरसात के दिनों में इसमें पानी घुस जाता है. अगल-बगल चारों तरफ झाड़ी है. केंद्र में सांप-बिच्छू भी घुस जाते हैं. केंद्र नदी में होने के कारण आसपास के लोग केंद्र के पीछे शौच करते हैं. इससे काफी दुर्गंध आती है. वहां बदबू से बैठना मुश्किल हो जाता है. आंगनबाड़ी भवन में बरसात का पानी घुसने के कारण बालू व कचरा जमा हो जाता है. पैसा देकर मजदूर से साफ-सफाई कराना पड़ता है. उन्होंने कहा कि केंद्र जर्जर होने के कारण छत से पानी टपकता है. दरवाजा व खिड़की टूटा है. इसी में केंद्र चलाते हैं. केंद्र चलाना मजबूरी : पर्यवेक्षिका इस संबंध में पूछे जाने पर आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका रानी गीता ने कहा कि ठेकेदार ने आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नदी में बना दिया है. पहले किसी ने देखा नहीं. दोनों केंद्र आंगनबाड़ी के उपयुक्त नहीं है. जब विभाग ने नदी में आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया है, तो चलाना मजबूरी है.

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