गढ़वा. गढ़वा की अपदस्थ प्रखंड प्रमुख विमला देवी द्वारा दायर अपील को राज्य निर्वाचन आयुक्त के न्यायालय ने खारिज कर दिया है. इसकी जानकारी बीडीसी लक्ष्मण पासवान के नेतृत्व में उपस्थित गढ़वा प्रखंड के करीब एक दर्जन बीडीसी ने गढ़वा प्रखंड कार्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी. बीडीसी लक्ष्मण पासवान ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त के न्यायालय से 16 जनवरी 2025 को फैसला आया है. यह गढ़वा प्रखंड के अपमानित किये गये बीडीसी लोगों की जीत है. हमलोगों ने तानाशाही बर्दाश्त नहीं की तथा उसे उखाड़ फेंका. उन्होंने कहा कि हम सभी विकास के लिए कृत संकल्पित हैं. चयन प्रक्रिया के लिए समय आने पर सभी बीडीसी एक साथ बैठ कर प्रखंड प्रमुख का चुनाव करेंगे. यहां कोई प्रतिद्वंदिता नहीं है. पंचायती राज विभाग की ओर से जैसे ही चुनाव की तिथि का निर्धारण होगा, सर्वसम्मति से प्रखंड प्रमुख का चुनाव कर लिया जायेगा. उपस्थित लोग : मौके पर उस्मान अंसारी, ब्रह्मदेव सिंह, धनंजय पासवान, अनिता देवी, आशा देवी, रूस्तम अंसारी, नूर आलम अंसारी, कमलेश उरांव, अभय कुमार, संजय चौधरी, श्रीराम बैठा, तहजीब आलम खान, मजहर अंसारी, आशिक अंसारी, कुदुस अंसारी, श्यामलाल चौधरी व सुनील देहाती उपस्थित थे. क्या है पूरा मामला गढ़वा प्रखंड की प्रमुख विमला देवी (अब अपदस्थ) के खिलाफ बीडीसी द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर आठ जनवरी 2024 को मतदान हुआ था. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद विमला देवी ने राज्य निर्वाचन आयोग में 16 जनवरी 2024 को उसकी न्याय संगतता को चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सभी पक्षों द्वारा उपलब्ध कराये गय साक्ष्यों के आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग ने फैसला दिया कि अविश्वास प्रस्ताव के मामले में विधि के प्रावधानों का अनुपालन किया गया है.
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