विधायक एवं भारतीय जनता मोर्चा के संस्थापक सरयू राय ने कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन के लंबा चलने को अनुचित करार दिया है. श्री राय मंगलवार की सुबह गढ़वा परिसदन में प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान आज के भारत बंद पर पूछे जाने पर विधायक श्री राय ने कहा कि यदि कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन हो रहा है, तो सरकार को चाहिए कि उनसे वार्ता कर उनकी मांगों पर विचार करे.
इसमें जो संभव हो सके, संशोधन करे. लेकिन किसी भी दल अथवा संगठन द्वारा इतना लंबा आंदोलन चलाना ठीक नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग किया कि बातचीत से यथाशीघ्र कोई रास्ता निकाल कर यह आंदोलन समाप्त होना चाहिए. हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल के प्रदर्शन के विषय में पूछे जाने पर निर्दलीय विधायक श्री राय ने कहा कि इस सरकार का एक साल में आठ महीना तो कोरोना काल में ही निकल गया.
इसलिए इतने कम समय में किसी सरकार की कार्यशैली की समीक्षा नहीं की जा सकती है. लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इच्छाशक्ति की प्रशंसा की. भाजपा में पुनर्वापसी की संभावना पर श्री राय ने कहा कि राजनीति में किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन अब उनको फिर से भाजपा में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं रह गयी है.
उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर उन्होंने पार्टी छोड़ी थी, उसपर आज भी केंद्रीय नेतृत्व का रवैया उसी तरह कायम है. इसलिए वे अपनी राजनीतिक कैरियर के प्रति संतुष्ट हैं. वे अब अपनी पार्टी भारतीय जन मोर्चा के माध्यम से राजनीतिक बदलाव पर काम करना बेहतर पसंद करेंगे. इसके अलावा वे सामाजिक बैनर तले पूर्ववत पर्यावरण पर काम करते रहेंगे.
posted by : sameer oraon