एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में बुधवार को आयोजित भारत बंद का यहां मिलाजुला असर रहा. स्थानीय स्तर की छोटी गाड़ियां चलीं, लेकिन गढ़वा जिले से होकर रांची के अलावे उत्तरप्रदेश, बिहार व छत्तीसगढ़ की ओर जानेवाली लंबी दूरी की बसों व मालवाहक ट्रकों का आवागमन ठप रहा. बसें बंद रहने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इधर कई दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी. एससी-एसटी संविधान व आरक्षण बचाओ संघर्ष मोरचा की ओर से घोषित इस बंद का समर्थन कांग्रेस, राजद, झामुमो व आजाद समाज पार्टी सहित अन्य दल के नेताओं ने भी किया था. बंद समर्थक सुबह से ही बंद कराने जुलूस की शक्ल में निकले थे. इसके बाद मझिआंव मोड़ व रंका मोड़ पर वाहनों को खड़ा कर सड़क जाम कर दिया गया. इस दौरान नारे भी लगाये गये और केंद्र सरकार से तत्काल सांसद का विशेष सत्र बुलाकर इसमें संशोधन लाने की मांग की गयी. इधर एससी-एसटी संविधान व आरक्षण विरोधी मोर्चा के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार तूफानी के नेतृत्व में मुख्य जुलूस निकाला गया. इसमें सचिव अशर्फी राम, धर्मराज भारती, चंदन पासवान, सुरेंद्र राम व रामचंद्र पासवान ने हिस्सा लिया. अध्यक्ष अरविंद तूफानी ने कहा कि जब तक इसे पूर्ववत स्थिति में नहीं लाया जाता है, तब तक उनका आंदोलन विभिन्न प्रकार से जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण के साथ बार-बार छेड़छाड़ करना बंद करना होगा. मौके पर सचिव अशर्फी राम ने कहा कि केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर संसद में कानून लाकर वर्गीकरण एवं क्रिमीलेयर की पाबंदी लागू होने से रोकना चाहिए, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश संविधान के खिलाफ है. इधर भारत बंद को लेकर पुलिस प्रशासन भी विभिन्न चौक-चौराहों पर मुस्तैद रहा, लेकिन आवागमन घंटो बाधित ही रहा.
उपस्थित लोग : इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ओबैदुल्लाह हक अंसारी, मोसाहिद हुसैन, दिवाकर चौबे, एनएसयूआइ्र के जिलाध्यक्ष ऋषभ चंद्रवंशी, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष खुर्शीद आलम, अफसर अली, झामुमो के जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, सचिव मनोज ठाकुर, सलीम जाफर, शरीफ अंसारी, राजद के जिलाध्यक्ष सूरज सिंह, बसपा के वीरेंद्र साव व पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील कुमार गौतम शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है