Bhawanathpur Vidhan Sabha: भानु प्रताप शाही का गढ़ भवनाथपुर, कभी ‘शेर’, कभी ‘कमल’ पर सवार होकर बने विधायक
Bhawanathpur Vidhan Sabha: भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में भानु प्रताप शाही की मजबूत पकड़ है. अब तक हुए 4 चुनावों में 3 बार जीते हैं. रोचक रहा है मुकाबला.
Table of Contents
Bhawanathpur Vidhan Sabha 2024|Jharkhand Assembly Election: भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र झारखंड के गढ़वा जिले में आता है. भवानथपुर को भानु प्रताप शाही का गढ़ माना जाता है. झारखंड सरकार में मंत्री रहे भानु ने इस सीट पर सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है. वह लगातार 3 बार विधायक चुने गए हैं. वह अलग-अलग पार्टी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं. कभी ‘शेर’, तो कभी ‘कमल’ के साथ झारखंड विधानसभा पहुंचे.
भानु प्रताप कब-कब किस पार्टी के टिकट पर जीते
झारखंड राज्य के गठन के बाद अब तक 4 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं. आइए, एक नजर डालते हैं कि भानु प्रताप शाही ने कब-कब किस-किस दल के टिकट पर चुनाव लड़ा. 3 बार भवनाथपुर के विधायक बने भानु प्रताप शाही ने पहली बार फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) के टिकट पर चुनाव लड़ा. झारखंड विधानसभा चुनाव 2014 में उन्होंने नौजवान संघर्ष मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा. विधानसभा चुनाव 2019 में भानु ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा और विधायक बने.
एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने जीता भवनाथपुर
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद पहली बार 2005 में झारखंड विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अनंत प्रताप देव को अपना उम्मीदवार बनाया था. अनंत प्रताप देव के खिलाफ भानु प्रताप शाही ने फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर चुनाव लड़ा और देव को पराजित किया. वर्ष 2009 के चुनाव में एक बार फिर भानु प्रताप का सामना कांग्रेस के अनंत प्रताप देव से हुआ. इस बार वह एनएसएएम के बैनर तले चुनाव लड़ रहे थे. कांग्रेस के देव ने उन्हें 22168 मतों से हरा दिया.
2014 में भानु ने अनंत प्रताप देव से लिया हार का बदला
वर्ष 2014 में भानु ने देव से हार का बदला ले लिया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अनंत प्रताप देव इस बार 2661 वोट से हार गए. वर्ष 2019 में भानु प्रताप ने वर्ष 2019 के चुनाव में सोगरा बीबी को पराजित किया. सोगरा बीबी ने बहनजी की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस बार देव तीसरे नंबर पर रहे. वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे. वर्ष 2009 के चुनाव में सोगरा बीबी ने सीपीआई (एमएल-एल) के चुनाव चिह्न पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था.
2019 में बीजेपी ने भवनाथपुर में लहराया परचम
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भवनाथपुर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 96,818 वोट पाकर बीजेपी उम्मीदवार भानु प्रताप शाही ने जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर बीएसपी की सोगरा बीबी रहीं थीं. उनको इस चुनाव में कुल 56,914 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी अनंत प्रताप देव थे. उनको इस बार कुल 53,050 वोट मिले थे.
2014 में फिर भानु प्रताप बने भवनाथपुर के विधायक
वर्ष 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भवनाथपुर से भानु प्रताप शाही समेत कुल कुल 21 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे थे. 19 पुरुषों के साथ 2 महिला उम्मीदवार भी थीं. 58,908 वोट पाकर नवजवान संघर्ष मोर्चा (एनएसएम) के प्रत्याशी भानु प्रताप शाही विजेता बने. दूसरे स्थान पर भाजपा के उम्मीदवार अनंत प्रताप देव रहे. उनको कुल 56,247 वोट मिले थे. बीएसपी सबसे अधिक वोट पाने वाली तीसरे नंबर की पार्टी बनी. उसके उम्मीदवार ताहिर अंसारी को कुल 45,523 वोट मिले थे.
2009 में कांग्रेस ने जीता भवनाथपुर विधानसभा
वर्ष 2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से 28 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था. इसमें एक महिला भी थी. सबसे अधिक 54,690 वोट कांग्रेस के अनंत प्रताप देव को मिले. दूसरे नंबर पर नवजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही रहे. उन्हें कुल 32,522 वोट मिले. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के टिकट पर मैदान में उतरीं सोगरा बीबी तीसरे नंबर पर रहीं. उनको कुल 20,901 वोट मिले थे.
2005 में एआईएफबी के टिकट पर जीते भानु प्रताप शाही
वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से 2 महिला समेत कुल 28 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था. 38,090 वोट पाकर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) के प्रत्याशी भानु प्रताप शाही भवनाथपुर के विधायक चुने गए. कांग्रेस इस चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाली दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. उसके उम्मीदवार अनंत प्रताप देव को 33,040 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार डॉ मो यासीन अंसारी रहे थे. उनको कुल 17,897 वोट मिले थे.
झारखंड विधानसभा की सीटें
राजमहल, बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), नाला, जामताड़ा, दुमका (एसटी), जामा (एसटी), जरमुंडी, मधुपुर, सारठ, देवघर (एससी), पोड़ैयाहाट, गोड्डा, महगामा, कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया (एससी), चतरा (एससी), धनवार, बगोदर, जमुआ (एससी), गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी, बाघमारा, बहरागोड़ा, घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, ईचागढ़, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां, तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), सिल्ली, खिजरी (एसटी), रांची, हटिया, कांके (एससी), मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी), लोहरदगा (एसटी), मनिका (एसटी), लातेहार (एससी), पांकी, डालटेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर (एससी), हुसैनाबाद, गढ़वा, भवनाथपुर
झारखंड विधानसभा चुनाव 2005 में किस पार्टी के कितने विधायक थे
भाजपा- 30
कांग्रेस – 9
एनसीपी -1
जदयू-6
झामुमो – 17
राजद – 7
फॉरवर्ड ब्लॉक – 2
भाकपा माले – 1
यूजीडीपी – 2
आजसू – 2
जेकेपी – 1
निर्दलीय – 3
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 का परिणाम
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम जब जारी किए गए, तो सबसे ज्यादा 30 सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में आईं. सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. बीजेपी सिर्फ 25 सीटें ही जीत पाई. झामुमो और राजद के साथ गठबंधन में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया. उसके खाते में 16 सीटें आईं. झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने 3, आजसू पार्टी ने 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. सरयू राय समेत 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी इस बार विधानसभा पहुंचे.
झारखंड में किसकी सरकार है
झारखंड में वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मिलकर लड़ा था. चुनाव में इस महागठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं. अभी झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी महागठबंधन की सरकार है. हेमंत सोरेन इस सरकार के मुखिया हैं.
Also Read
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भाजपा ने गढ़ा नारा – न सहेंगे, न कहेंगे, बदल के रहेंगे
जमशेदपुर में बोले पीएम मोदी : झारखंड के 3 दुश्मन- झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा का फोकस GYAN पर, जानें क्या हैं इसके मायने