गलियों की सड़क बीच से तोड़ी, फिर वैसा ही छोड़ दिया
गलियों की सड़क बीच से तोड़ी, फिर वैसा ही छोड़ दिया
कोयल शहरी पेयजलापूर्ति योजना के तहत गढ़वा शहर के सभी घरों तक पानी पहुंचाने की योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस योजना के तहत गलियों में बिछाये जानेवाले पाइप के लिए जो पीसीसी सड़कें तोड़ी गयी है, उसे पाइप बिछाने के बाद पूर्ववत स्थिति में करने का प्रावधान भी प्राक्कलन में शामिल था. लेकिन सड़क तोड़ने के बाद उसे ऐसा ही छोड़ दिया गया. इधर तोड़ी गयी सड़कों की स्थिति दिनों दिन और भी खराब होती जा रही है. खासकर बरसात के इस मौसम में कई मुहल्लों की टूटी सड़कों पर चलने में काफी परेशानी हो रही है. इधर दूसरी गड़बड़ी भी है. करीब 37 करोड़ रुपये लागत वाली इस योजना से 10,500 घरों तक पानी पहुंचाना था. लेकिन 2013 में शुरू इस योजना के जरिये अभी तक दो हजार घरों को भी पानी का कनेक्शन नहीं मिल सका है. बताया गया कि पानी के ऊंचे कनेक्शन चार्ज की वजह से अभी तक 20 प्रतिशत लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला : शहरी पेयजलापूर्ति योजना के तहत गढ़वा नगर परिषद ने वर्ष 2013 में 37 करोड़ की लागत से योजना की शुरूआत की थी. शुरू में दिल्ली की कंपनी एसएमएस पर्यावरण लिमिटेड को इसकी जिम्मेवारी दी गयी थी. कार्य पूर्ण करने का समय वर्ष 2015 निर्धारित किया गया था. लेकिन उक्त कंपनी ने निर्धारित समय तक कार्य पूर्ण नही किया और वह बीच में ही उसने काम छोड़ दिया. यद्यपि उसे कार्य पूर्ण करने को लेकर समय विस्तार भी दिया गया था. इस वजह से विभागीय निर्देश के आलोक में संवेदक का एकरारनामा 14 नवंबर 2017 को रद्द कर दिया गया़ वहीं चार जून 2019 को इस योजना के शेष कार्य को पूर्ण करने के लिए धनबाद की कंपनी एमएस हिमांशु महतो को काम सौंपा गया. इस तरह गत करीब सात साल से इस योजना में कार्य किया जा रहा है, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. अभी भी कई मुहल्लों तक पाइप लाइन बिछाने का काम लंबित है.नयी सड़क तोड़कर बरबाद कर दी : इस योजना के तहत गढ़वा शहर की छोटी-बड़ी करीब एक सौ गलियों में पानी का पाइप बिछाया गया है. इससे दो तरफ के घरों के लोगों को कनेक्शन देना है. पाइप बिछाने के लिए गलियों में बने पीसीसी पथ को बीच से तोड़ कर पाइप डालने के बाद उसे वहीं से निकाली गयी मिट्टी-गिट्टी से ढक दिया गया. जबकि प्राक्कलन के अनुसार वहां सड़क पर फिर से कंक्रीट की ढलाई की जानी थी. गौरतलब है कि जिन गलियों को पाइप लाइन बिछाने के लिए तोड़ा गया है, उनमें से कई गलियों में पीसीसी पथ छह माह से लेकर दो साल पहले ही बनायी गयी थी. अभी बरसात के समय इन टूटी सड़कों पर चलने में परेशानी होती है. बारिश से भरी गयी मिट्टी दब गयी, जिससे सड़कें उंची-नीची हो गयी हैं और दुर्घटना की संभावना बन गयी है.
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 की यह योजना है. बाद में लागत बढ़ने से राशि कम पड़ गयी है. विभाग से शेष बची गलियों में पाइप बिछाने एवं सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए करीब 15 करोड़ रु और मांगे गये हैं. पैसे मिलने के बाद यह काम करा दिया जायेगा.
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