कांडी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तथा कांडी पोखरा पर हजारों की संख्या में निराहार व्रतियों ने सभी जीवों के ऊर्जा स्रोत भगवान भास्कर को श्रद्धा पूर्वक अर्घ प्रदान किया. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ चार दिनों का कठिन महाव्रत छठ शुरू हो गया. व्रतियों ने नदियों एवं पवित्र जलाशयों में स्नान कर घर में शुद्धता एवं पवित्रता के साथ खीर बनाकर खरना किया एवं प्रसाद स्वरूप उसका वितरण किया. दरअसल बुधवार को छठ का उपवास शुरू हो गया. दिन के तीसरे प्रहर से ही चारों तरफ से छठ के गीत सुनाई पड़ने लगे. सतबहिनी झरना तीर्थ पहुंचने वाले सभी रास्तों से पैदल एवं छोटे बड़े वाहनों पर सवार होकर निराहार छठ व्रती एवं उनके परिजन छठी मइया का गीत गाते हुए सतबहिनी पहुंचे. व्रतियों ने नदी में स्नान किया. स्नान के बाद लोगों ने छठ घाट, मेला मैदान, नवीन यज्ञशाला मैदान व झरना घाटी में अपने बैठने के स्थान पर लोटे में जल भरकर कलश के रूप में उसे स्थापित कर छठी मैया एवं भगवान सूर्य की स्तुति गायी.
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