14 जून से बनाया जायेगा दिव्यांग बच्चों का प्रमाणपत्र

14 जून से बनाया जायेगा दिव्यांग बच्चों का प्रमाणपत्र

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 8:39 PM

सदर अस्पताल में 14 जून से पांच जुलाई तक दिव्यांग बच्चों का प्रमाणपत्र बनाया जायेगा. शिक्षा विभाग इसके लिए सदर अस्पताल में कैंप का आयोजन कर रहा है. सभी प्रखंडों में शिक्षा विभाग के कर्मियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाना सुनिश्चित करें. जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला शिक्षा पदाधिकारी आकाश कुमार पांडेय ने बताया कि जिले के सरकारी विद्यालयों में नामांकित 1186 बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र सदर अस्पताल गढ़वा में कैंप लगाकर बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि विभागीय आदेश के आलोक में उपायुक्त के निर्देश पर 14 जून से पांच जुलाई तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग प्रखंडों में अलग-अलग तिथि के अनुसार बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जाना है. इस दौरान आवश्यक चिकित्सक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन गढ़वा को दी गयी है. जबकि बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को दी गयी है.

बीइइओ करेंगे आने-जाने की व्यवस्था : प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दिव्यांग बच्चों के प्रखंड मुख्यालय से सदर अस्पताल तक आने-जाने की व्यवस्था करेंगे. प्रभारी द्वारा जानकारी दी गयी की दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के पूर्व स्वावलंबन पोर्टल पर बच्चों का रजिस्ट्रेशन भी कराया जाना अनिवार्य है. इसके लिए प्रखंड के पदाधिकारी को निर्देश दिये जा चुके हैं. निर्देशानुसार सभी प्रज्ञा केंद्र बच्चों का पंजीयन निशुल्क करेंगे. पंजीकरण कराने के बाद ही बच्चे कैंप में आयेंगे. इससे सुविधापूर्वक प्रमाण पत्र बनाया जा सकेगा.

दिव्यांग की पहचान निर्धारित प्रारूप में करने का निर्देश : डीएसइ श्री पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सा एवं समाज कल्याण पदाधिकारी के सहयोग से दिव्यांग की पहचान निर्धारित प्रारूप में करने का भी निर्देश दिया गया है. माता-पिता व अभिभावक इसके लिए अपने क्षेत्र के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सक, शिक्षा विभाग के रिसोर्स शिक्षक, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी या प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी से सूचना प्राप्त कर सकते हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के रिहैबिलिटेशन सेंटर में इन बच्चों को जोड़कर उपचार भी किया जायेगा.

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