झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता धीरज दुबे ने पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह पर पलटवार किया है. झामुमो द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह को परिवर्तन यात्रा करने के बजाय अपने सामंतवादी विचारधारा में परिवर्तन लाना चाहिए. वह 17 साल के लंबे कार्यकाल के बावजूद पुनः विधायक बनने को लालायित हैं. वह कभी भाजपा तो कभी राजद और अब निर्दलीय के रूप में दावा ठोक रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल होते हुए उन्होंने कहा था कि हम पुराने संघी हैं. बाप-दादा के समय से हमारा भाजपा और संघ परिवार से रिश्ता रहा है. भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद 2024 के आम चुनाव में पुनः राजद में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने पुराने घर में वापस लौट आये हैं. जब राजद ने भी चतरा लोकसभा से टिकट नहीं दिया, तो बिना पार्टी से इस्तीफा दिये अब निर्दलीय का झंडा लेकर क्षेत्र में घूम रहे हैं. जनता जानती है कि ऐसे लोगों का क्षेत्र के विकास से कोई लेना देना नहीं है. उन्हों तो बस विधायक की कुर्सी चाहिए. श्री दुबे ने कहा कि पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह के 17 वर्ष के कार्यकाल में उपलब्धि के नाम पर डंफर, खटाल और निजी शिक्षण संस्थान मात्र है. परिवार के नाम पर उन्होंने क्षेत्र में कई निजी शिक्षण संस्थान खोले, लेकिन कभी भी कोई सरकारी शिक्षण संस्थान खोलने का प्रयास नहीं किया.
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