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उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ महापर्व छठ संपन्न

उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ महापर्व छठ संपन्न

लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ उगते सूर्य को अर्घ अर्पण करने के साथ शुक्रवार को संपन्न हो गया. छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ देकर मन्नतें मांगी. अहले सुबह से ही छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी. इसके पूर्व गुरुवार की शाम छठ घाटों पर पहुंचे व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ दिया और नदी किनारे बने पंडालों में गीत गाते हुए पूरी रात बितायी.

सूर्य की आराधना से गूंज उठे घाट : व्रती महिलाएं और श्रद्धालु सूर्योदय से काफी पहले ही जलाशयों और नदियों के किनारे स्थित छठ घाटों पर जुट गये थे. छठ माई के गीतों की गूंज और भक्तिमय माहौल ने घाटों पर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया. व्रती अपने घरों से मौसमी फलों सहित अन्य प्रसाद के साथ पूजन सामग्री से सजा दउरा व सूप लेकर निकल पड़े. घाटों पर पहुंचने के बाद, व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य के उदय होने की प्रतीक्षा की और सूर्यदेव के दर्शन होते ही उन्हें कच्चे दूध और जल का अर्घ दिया.

आस्था और एकता की मिसाल : पूजा, हवन और आरती के बाद छठ माई का प्रसाद बांटा गया, जिसे पाने के लिए श्रद्धालु घाटों पर घंटों इंतजार करते रहे. भगवान भास्कर की पूजा के बाद व्रती महिलाओं ने अपने अखंड सौभाग्य की कामना के प्रतीक के रूप में विवाहित महिलाओं की मांग में सिंदूर लगाया. इस महापर्व में हर वर्ग और धर्म के लोगों की सहभागिता रही. इससे आस्था और आपसी एकता का संदेश मिला.

विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब : जिला मुख्यालय स्थित दानरो नदी के स्टूडेंट क्लब घाट, टी ग्रुप घाट, फ्रेंड्स घाट, जय देवी संघ घाट,छठ पूजा समिति सहिजना, सूयांश क्लब, प्रभात क्लब,जागृति क्लब सहित अन्य घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को अर्घ अर्पित कर उनकी कृपा और मंगलमय आशीर्वाद की कामना की.

सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम : गढ़वा जिला प्रशासन ने छठ महापर्व के अवसर पर सुरक्षा और अन्य व्यवस्था के लिए विस्तृत योजना बनायी थी. हर घाट पर पुलिस के अधिकारी और जवान तैनात थे. रंका मोड़ से छठ घाट तक जाने वाली सड़कों पर बड़े वाहनों का प्रवेश निषेध था. सुरक्षा की दृष्टि से दोपहिया वाहनों का भी घाट पर प्रवेश प्रतिबंधित था. इस दौरान सभी चौक चौराहों पर एसआइएस के जवान तैनात थे. पुलिस कर्मियों को वर्दी के साथ-साथ सादे कपड़ों में भी तैनात किया गया था.

साफ-सफाई के साथ सजावट : छठ पर्व की भव्यता को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्लब और समितियों ने घाटों की सजावट पर विशेष ध्यान दिया था. छठ घाट जाने वाले सभी रास्तों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया था. इससे पूरा शहर रोशनी में नहा उठा. विभिन्न घाटों पर स्थानीय पूजा समितियों ने लाइटिंग, साउंड सिस्टम व टेंट सहित बैठने की व्यवस्था की थी. नगर परिषद ने घाटों की ओर जाने वाले रास्तों की सफाई की थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. विभिन्न घाटों पर व्रतियों के स्नान के लिए फव्वारे तथा अर्घ के लिए कच्चे दूध की भी व्यवस्था की गयी थी.

दूर-दूर से पहुंचे थे श्रद्धालु : छठ व्रत करने के लिए झारखंड के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओड़िषा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी श्रद्धालु गढ़वा पहुंचे थे. दानरो नदी का मुख्य छठ घाट श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र रहा. यहां स्थानीय समितियों ने व्रतियों की हर जरूरत का ध्यान रखा.

क्लबों ने किय भव्य मेले का आयोजन : गढ़वा के विभिन्न क्लबों जैसे फ्रेंड्स क्लब, स्टूडेंट्स क्लब, जय देवी संघ, टी ग्रुप, जागृति क्लब, सूर्य क्लब सहिजना, ओम क्लब और अन्य संगठनों ने छठ मेले का आयोजन किया. मेले की भव्यता और आकर्षक सजावट देखने के लिए दूर-दराज से लोग गढ़वा पहुंचे थे.

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