डंडई. बाल श्रम कराना एक अपराध है, लेकिन डंडई प्रखंड क्षेत्र के कई ईंट भट्ठों के संचालक बाल मजदूरों से खुलेआम काम ले रहे हैं. बाल श्रम कानून को ठेंगा दिखाते हुए यहां बच्चों से कच्चे ईंट की ढुलाई समेत कई अन्य कार्य कराये जा रहे हैं. पचौर पंचायत के सूअरजंघा गांव में संचालित एक ईंट भट्ठा पर बाल मजदूरों को कार्य करते देखा गया. इस भट्ठे में अलग-अलग हिस्सों पर बड़े मजदूरों के साथ-साथ बाल मजदूर भी काम कर रहे थे. प्रखंड में दर्जनों इस प्रकार के ईंट-भट्ठे संचालित हैं, जहां दूसरे प्रदेश के श्रमिक ईंट पथाई का कार्य करने आते हैं. भट्ठों पर ही झुग्गी-झोपड़ी बनाकर श्रमिक परिवार अपना जीवन यापन करता है. वहीं इनके छोटे बच्चे भट्ठा संचालकों के लिए सस्ते मजदूर हैं. उनसे भट्ठे पर ईंट पथाई से लेकर कच्चा ईंट एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने व कोयला तोड़ने का काम लिया जाता है. बताया गया कि सामान्य दिहाड़ी मजदूर से आधे रेट का इन्हें भुगतान किया जाता है. पैसे की लालच में फंसकर ये बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. बाल मजदूरी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोग बच्चों से बेधड़क काम लेते हैं. मामले की जांच की जायेगी : श्रम अधीक्षक श्रम अधीक्षक संजय आनंद ने कहा कि ईंट भट्ठों पर लगातार जांच की जा रही है. अभी तक कहीं भी बाल श्रमिक नहीं मिले हैं. यदि उन क्षेत्रों में ईंट भट्ठों पर बाल श्रमिक काम कर रहे हैं, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है