वन पट्टा लेने के लिए जंगल नष्ट कर कब्जा करने की होड़
वन पट्टा लेने के लिए जंगल नष्ट कर कब्जा करने की होड़
केतार प्रखंड में इन दिनों जंगलों को बड़े पैमाने पर नष्ट कर वहां जमीन कब्जा कर घर बनाने की होड़ मची है. देखते ही देखते प्रखंड के महुबनवा, बसकटिया, बतों, अगरिया टोला, बरहिया राज, चांदडीह, पहाड़ी टोला, पिपरापानी, अजनिया, केतरी, बनखेता, नारायण वन, सिंहपुर, हरीयारा, गुरूर व कोशडीहरा गांव में जंगलों से सेट लोग बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध तरीके से जंगल नष्ट कर वन भूमि पर अपना घर बना रहे हैं. ताजा मामला भगवान घाटी के निकट पिपरा पानी के जंगल का है. यहां पिछले कुछ वर्षों में जंगल साफ कर 25-30 कच्चे घर बना लिये गये हैं. इनमें रहने वाले लोगों ने दिनोंदिन अतिक्रमण का दायरा बढ़ाते हुए वन भूमि पर खेती-बारी शुरू कर दी है. इन पर कोई कार्रवाई न होता देख अन्य ग्रामीणों में भी लोभ जग गया है. वे भी जंगलों को साफ कर अपना घर बनाने में जुट गये हैं. परिणामस्वरूप भगवान घाटी से लेकर पिपरा पानी तक केतार एवं बलिगढ़ पंचायत के सैकड़ों लोग वन भूमि पर घर बनाने के ख्याल से पत्थर रखकर जगह घेर रहे हैं. जमीन पर अपना कब्जा दिखाने के लिए पत्थर रखे जा रहे हैं. जिन लोगों ने पहले से जगह रोक रखी है, वे वहां पहले झोपड़ी व इसके बाद मिट्टी का स्थायी घर बना रहे हैं. पिपरा पानी जंगल में रह रहे लोगों ने बताया कि सरकार जंगल में रहने वाले लोगों को वन पट्टा देती है. इस कारण घर के पास जिनकी जमीन कम है, वे लोग गांव के समीप की वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं. इधर पट्टा दिलाने के नाम पर बिचौलिये भोले-भाले ग्रामीणों को अतिक्रमण के लिए उकसा रहे हैं. वन पट्टा दिलाने के नाम पर पैसे की उगाही भी की जा रही है. ऐसे में यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गयी, तो आनेवाले समय में जंगल का पूरी तरह सफाया हो सकता है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी : रेंजर इस संबंध में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार ठाकुर ने बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा कार्रवाई की जा रही है. इस मामले की भी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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