गढ़वा : कोरोना संक्रमण के मामले में बरती गयी लापरवाही अब जिलावासियों को भारी पड़ रही है़ गढ़वा में कोरोना संक्रमण का खतरा अब अनियंत्रित होने की ओर बढ़ चला है़ जिले में चार दिनों के अंदर कोरेाना के 104 नये मरीज मिले है़ं इसमें से गढ़वा जिला मुख्यालय से बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज होने के बाद हड़कंप मच गया है़ इसके अलावा गांव व सुदूरवर्ती क्षेत्रों से भी कोरोना के मरीज पाये जा रहे है़ं विशेषज्ञों व चिकित्साकर्मियों का कहना है कि कोरोना पूरी तरह से गढ़वा जिले में तीसरे स्टेज में पहुंच गया है़
इसे रोकना, मरीजों का कांट्रैक्ट सर्किल व ट्रैवल हिस्ट्री खोजना काफी मुश्किल हो गया है़ कांट्रैक्ट सर्किल व ट्रैवल हिस्ट्री खोजने के मामले में जिला प्रशासन की ओर से शुरू से ही लापरवाही बरती गयी है़ इसके अलावा हाल तक कोरोना संक्रमित मरीज पाये जाने के बाद उसे घर से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराने तक की प्रक्रिया में भी लापरवाही देखने को मिली है़ कई कोरोना संक्रमित मरीजों को रिपोर्ट आने के 12 घंटे से भी ज्यादा समय बाद अस्पताल पहुंचाया गया है़
इसी तरह मंत्री को भीड़ लगा कर बैठक व जनसमस्या आदि करने के मामले में दी गयी. छूट व उनके संक्रमित पाये जाने के बाद उनके संपर्क में आये सभी लोगों को होम कोरेंटिन करने के मामले में बरती गयी लापरवाही ने कोरोना के तेजी से प्रसार में काफी मदद पहुंचायी है़ शिक्षा विभाग में कोरोना का मरीज मिलने के बाद विभाग को खुले रखने पर भी लोग सवाल खड़े कर रहे है़ं कोरोना का संक्रमण शहर, गांव, सरकारी दफ्तरों व सुदूरवर्ती क्षेत्रों में फैलने के बाद अब जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सजग हुआ है़
सजग हुए प्रशासन ने लोगों को मास्क नहीं पहनने पर दंगाइयों की तरह एक ही गाड़ी में (बिना सोशल डिस्टैंसिंग के) बैठा कर थाना लाया गया और रात के 12 बजे तक बैठाये रखा गया़ जब तक गढ़वा जिले में लॉकडाउन किया गया था, तब तक प्रशासन के आदेश का लोगों ने बखूबी पालन किया़
बाद में प्रशासन स्वयं लापरवाह हो गयी और बड़ी संख्या में पुलिस लाइन से भी कोरोना के मरीज मिलने शुरू हो गये़ इधर जिन अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को रखने की व्यवस्था की जा रही है, वह भी बाहरी संपर्क से पूरी तरह अलग नहीं है़ जैसे-तैसे भवनों को भी कोविड अस्पताल का रूप दे दिया गया है और मरीज रखने शुरू कर दिये गये है़ं
Post by : Pritish Sahay