हथियार के दम पर गढ़वा के इन इलाकों से हो रहा है कोयले का अवैध खनन, प्रशासन का भी मिलता है सहयोग

गढ़वा के प्रभावित हरता व कुरुन गांव की सीमा पर कोयले का अवैध खनन किया जा रहा है. ये काम पिछले 1 माह से जारी है. ग्रामीणों की मानें तो प्रशासन की मिली भगत से ये काम हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2021 11:55 AM

गढ़वा : गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती भंडरिया थान क्षेत्र की नक्सल प्रभावित हरता व कुरुन गांव की सीमा पर स्थित बघमनवा नदी के दोनों किनारों पर कोयले का अवैध खनन किया गया है. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार बंदूक की नोक पर गत एक माह से यह काम 18 दिसंबर तक चला. इस दौरान कोयले का खनन कर इसकी ढुलाई की गयी है. इधर रविवार को माफियाओं ने अवैध खनन में लगी पोकलेन मशीनें हटा ली है तो वहीं ट्रैक्टर से ढुलाई भी बंद कर दी गयी है.

बताया जा रहा है कि गत दिनों विभिन्न अखबारों में इससे संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद कोयला माफियाओं ने रविवार से काम बंद कर दिया. कोयले के धंधे में लगे लोग यहां से अवैध खनन कर कोयला पलामू जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुंटार पिकेट के समीप डंप करते हैं. वहां से उसे चैनपुर, रमकंडा व रामगढ़ थाना क्षेत्र में संचालित चिमनी व बंगला ईट भट्ठों में बेचा जा रहा है.

जानकारी के अनुसार कोयले की खुदाई के लिए माफियाओं ने ग्रामीणों द्वारा बघमनवा नदी के किनारे पूर्व में बनाये गये सुरंगों के आधार पर ही पोकलेन मशीन की मदद से नयी खदान बना दी. नवंबर माह से ही कोयले की खुदाई कर उसे ट्रैक्टर की मदद से हुटार में डंप किया जा रहा था. इस अवैध खनन के पीछे हुटार के एक बड़े कोयला माफिया का हाथ होने की बात कही जा रही है.

बंदूक से पहरा देते हैं कोयला माफिया

कोयले के अवैध खनन के लिए हरता व तिहारो गांव की सीमा पर स्थित जंगलों में करीब तीन किलोमीटर तक कच्ची सड़क बना दी. इसी सड़क से रात भर ट्रैक्टर की मदद से प्रतिदिन कोयले की ढुलाई होती रही. ग्रामीणों ने बताया कि दबंग कोयला माफिया बंदूक के साथ रात भर पहरा देते हैं. वहीं उत्खनन क्षेत्र की ओर ग्रामीणों की आवाजाही पर रोक लगा रखी थी.

ग्रामीणों ने बताया कि माफियाओं ने पिछले दिनों उत्खनन क्षेत्र में जाकर हरता गांव निवासी धर्मेंद्र यादव की पिटाई की थी. ग्रामीणों में कोयला माफिया का ऐसा भय है कि रविवार को खुदाई स्थल पर गये पत्रकारों को देख कुछ ग्रामीण भाग खड़े हुए. ग्रामीण बताते हैं कि नवंबर महीने में शुरू हुए कोयला उत्खनन कार्य के बाद प्रत्येक दिन पुलिस प्रशासन खनन क्षेत्र की ओर से गांवों में गश्त करती रही. लेकिन प्रशासन खुदाई होता देख वापस लौट जाती थी.

बघमनवा नदी में पहले से ही बनायी गयी है 11 सुरंगे

हरता-तिहारो गांव की सीमा पर स्थित बघमनवा नदी के दोनों किनारों पर पहले से ही अवैध कोयले की खुदाई के लिए सुरंगे बनायी गयी है. नदी के दूसरे किनारे पर एक साथ 11 सुरंग बनाकर पहले से ही कोयला का अवैध उत्खनन किया गया है. वहीं सुरंग धंसने के डर से उसमें लकड़ी का एक खंभा माफियाओं ने लगा रखा है.

फिलहाल इन सुरंगों में नदी का पानी घुसने की वजह से यहां से खुदाई बंद है. वहीं पूर्व का एक खदान धंस चुका है. जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र से रुक रुक कर अक्सर कोयला का अवैध उत्खनन होता है. लेकिन इस बार कोयला माफियाओं ने बड़े पैमाने पर दो जगहों पर पोकलेन मशीन लगाकर करीब एक करोड़ का कोयला निकाल लिया.

रात भर ट्रैक्टर की आवाज सुनाई देती है: ग्रामीण

जंगलों में मवेशी चरा रही ग्रामीण सुखलाही देवी ने बताया कि बड़े पैमाने पर मशीनों की मदद से करीब दो महीने से कोयला की ढुलाई की जा रही है. उसने बताया कि रात भर ट्रैक्टर के आवागमन की आवाज ग्रामीणों को सुनाई देती है. शाम होते ही चार पहिया वाहनों से दर्जन भर लोग पहुंच जाते हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि इस खुदाई से उन्हें कोई लाभ नही मिला. एक अन्य ग्रामीण बंधिया देवी इस बाबत जानकारी देते हुए कहती है कि कोयले की ढुलाई कराने के लिए पलामू के नावाडीह-हुटार के लोग काले रंग के चार पहिया वाहनों से शाम होते ही खुदाई स्थल पर पहुंच जाते थे. और रात भर जंगलों के रास्ते कोयला ढोया जाता है.

पहले दिन में जाता था, फिर रात में ढुलाई होने लगी:
मुनेश्वर यादव

ग्रामीण मुनेश्वर यादव ने बताया कि पहले कोयले की ढुलाई दिन में भी होती थी. लेकिन कुछ दिनों से सिर्फ रात में ही मशीन से कोयला निकालकर उसे ट्रैक्टर से ढोया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस खनन से ग्रामीणों को भी कोई फायदा नही हुआ है. खदान में काम मिलने से उन्हें भी लाभ मिलता.

कोयला खनन से ग्रामीणों का कोई लाभ नही: नकु अगरिया

ग्रामीण नकु अगरिया ने बताया कि ग्रामीणों को उम्मीद थी कि कोयला खदान अब खुल गया है तो इसका लाभ इस क्षेत्र के ग्रामीणों को मिलेगा. लेकिन मशीनों के जरिये ढुलाई होने से ग्रामीणों को कोई लाभ नही हुआ.

प्रशासन की मदद से हो रहा है खनन: अध्यक्ष

कुरुन गांव की वन समिति के अध्यक्ष नबी यादव ने बताया की जैसे ही कोयले के अवैध उत्खनन की शुरुआत गढ़वा व पलामू क्षेत्र में हुई वैसे ही पुलिस इन इलाकों में गश्त लगाने आती थी. लेकिन खनन क्षेत्र की ओर से कार्रवाई किए बिना वापस लौट जाती थी. आरोप लगाया कि प्रशासन की मिलीभगत से ही दो महीने से इस क्षेत्र में कोयले का अवैध खनन का कार्य चल रहा है.

खुदाई स्थल हमारे क्षेत्र में नही है: थाना प्रभारी

इस संबंध में पूछे जाने पर भंडरिया थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत ने कहा कि उस इलाके का दौरा कर मामले की जांच की जा चुकी है. खुदाई स्थल भंडरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत नही पड़ता है, इसलिए हम कार्रवाई नही कर सकते हैं.

जिला को रिपोर्ट भेज दिया गया है: अंचलाधिकारी

इस संबंध में अंचल अधिकारी मदन महली से जब पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर जिला को रिपोर्ट भेज दिया गया है.

रिपोर्ट: मुकेश तिवारी/ संतोष वर्मा/ घनश्याम सोनी

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