प्रखंड क्षेत्र में रविवार की देर शाम सोन नदी में आयी बाढ़ के पानी से सोन तटीय इलाके के सैकड़ों एकड़ में लगी धान, मक्का, अरहर व तिल की फसल जलमग्न हो गयी. विदित हो कि रविवार की सुबह से ही सोन नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा था. इसे लेकर सोन तटीय इलाका सोनपुरा, बरवाडीह, सुंडीपुर, बनकट, काला गाड़ा गांव के लोगों ने बाढ़ के भय से जागकर पूरी रात बितायी. सोन नदी के बढ़ते जल स्तर से सोन तटीय इलाका के लोग अपने अपने पालतू मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले गये. बाढ़ का पानी नारायणपुर गांव स्थित पुलिया से होकर बेलहत, चोका, सनपुरा, बरवाडीह व बलियारी गांव पहुंचा. इसके बाद दोहर में सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो गयी. साथ ही दर्जनों की संख्या में मोटर व डीजल पंप भी पानी में डूब गये. किसानों ने कर्ज लेकर तथा कड़ी मेहनत कर फसल लगायी थी. लेकिन प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी. गत वर्ष भी धान की फैसले तैयार होने के कगार पर थी, तभी बाढ़ के पानी से पूरी फैसल बर्बाद हो गया थी. फसल को बर्बादी देख किसान बेहद मायूस हैं. किसान भोला मेहता, दिनेश मेहता, बलियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ललन मेहता, अरविंद कुमार मेहता, रामप्रवेश चौधरी, धर्मेंद्र मेहता, शिवनारायण मेहता, विनोद मेहता, रूपदेव चौधरी, आलोक चौधरी व महेश चौधरी ने जिला प्रशासन से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति की मांग की है.
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