सीआरपीएफ 172 बटालियन का शनिवार को पुलिस लाइन स्थित सीआरपीएफ कैंप में 86वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर कमांडेंट नृपेन्द्र कुमार सिंह ने शहीद जवान आशीष कुमार तिवारी व शहीद आशीष सिंह के शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया. इस अवसर पर शहीद के परिजन एवं स्थानीय ग्रामीण भी उपस्थित थे. इसके बाद 172वीं वाहिनी मुख्यालय में सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें कमांडेंट नृपेन्द्र कुमार सिंह ने शहीद के परिजनों को गौरवशाली इतिहास की याद दिलाते हुए स्थापना दिवस पर उन्हें याद किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि 21 अक्तूबर 1959 को सीआरपीएफ की एक छोटी टुकड़ी ने चीनी सैनिकों का मुकाबला किया. इसमें 10 कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी. उनके सम्मान में भारतवर्ष के सभी पुलिस बल प्रतिवर्ष 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं. उन्होंने बताया कि इसी तरह से रन ऑफ कच्छ (गुजरात) में सीआरपीएफ की एक कंपनी ने तोपों से सजी पूरी पाकिस्तानी ब्रिगेड को न सिर्फ रोक दिया था, बल्कि 34 पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक भी बना लिया था. साथ ही श्री राम जन्मभूमि अयोध्या एवं संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले को नाकाम कर आतंकवादियों को मार गिराया था. उन्होंने कहा कि देश सेवा में अनगिनत सीआरपीएफ जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. कमांडेंट ने कहा कि सीआरपीएफ के लिए 27 जुलाई का दिन विशेष महत्व रखता है. सीआरपीएफ बल की स्थापना 27 जुलाई को ही हुई थी. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ 172 बटालियन गढ़वा सुदूरवर्ती क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन के कार्यों में लगी है. वहीं ग्रामीणों को अनेक प्रकार से सहयोग कर उनका जीवन स्तर ऊंचा करने में भी योगदान दे रही है. कार्यक्रम के अंत में स्थापना दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ कैंप परिसर में पौधरोपण भी किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है