भवनाथपुर उत्तरी वन क्षेत्र से बड़े पैमाने पर हो रही पेड़ों की कटाई
भवनाथपुर उत्तरी वन क्षेत्र से बड़े पैमाने पर हो रही पेड़ों की कटाई
भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र में इन दिनों बजंगलों से बड़े पैमाने पर हरे पेड़ काटे जा रहे हैं. उत्तरी वनक्षेत्र के कैलान, घाघरा, करमाही व फुलवार सुरक्षित वन क्षेत्र से ग्रामीण बेखौफ होकर तेजी से पेड़ काट रहे हैं. फिर इस वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं. जंगलों से सिधा, सखुआ, बांस, चिलबिल व सलई जैसे कीमती पेड़ काटे जा रहे हैं. गत 16 अगस्त से वन कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से जंगलों की कटाई बढ़ गयी है. हड़ताल के कारण वनकर्मियों ने जंगल जाना बंद कर दिया है. उधर लोग बेखौफ होकर पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं पत्थर माफिया व बालू माफिया भी बेखौफ होकर जंगलों से पत्थर का उत्खनन तथा जंगल में बहने वाली नदियों से बालू उत्खनन करने में लगे हैं. भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र छह प्रखंडों तथा सात थानों से घिरा है. भवनाथपुर वनक्षेत्र करीब 1.35 लाख एकड़ भूमि पर फैला है. यह वनक्षेत्र भवनाथपुर, केतार, खरौंधी, कांडी, मझीआंव व बरडीहा प्रखंड क्षेत्र में फैला है. साथ ही यह भवनाथपुर थाना, केतार, खरौंधी, हरिहरपुर ओपी, कांडी, मझीआंव व बरडिहा थाना की सीमा में आता है.
कुल 16 वनकर्मी हैं नियुक्त : भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र में देख रेख के लिए वनरक्षी तथा वनपाल मिलाकर 16 कर्मी नियुक्त हैं. लेकिन इनके हड़ताल पर चले जाने से लोगों को किसी का भय नहीं रहा. उल्लेखनीय है कि भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र में गत एक दशक से बड़े वन भूभाग पर अतिक्रमण कर झोपड़ी लगा कर खेती की जा रही है. यह सिलसिला आज भी जारी है.
वनक्षेत्र पर हमारी निगाह : भवनाथपुर उत्तरी वनक्षेत्र पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि वन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कानूनी कार्रवाई करने में अड़चन आ रही है. पर हमारे होमगार्ड व कैचल गार्ड वन समिति अध्यक्ष के साथ मिलकर वनक्षेत्र पर निगाह रख रही है. उन्होंने बताया कि केतार वनक्षेत्र के परती में शनिवार को वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनायी गयी आदा दर्जन झोपड़ियां ध्वस्त की गयी है. यह कार्रवाई जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है