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डंडा पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा, भर्ती

डंडा पुलिस ने युवक को बेरहमी से पीटा, अस्पताल में भर्ती

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2024 7:51 PM

डंडा थाना पुलिस पर एक युवक के साथ बेरहमी के साथ मारपीट करने का आरोप है. डायन बिसाही को लेकर एक महिला के आवेदन पर डंडा थाना पुलिस ने शनिवार को कथित आरोपियों को थाने में बुलाया. वहां दोनों पक्ष को बैठाकर बातचीत व समझौते की कोशिश हुई. फिर आरोपियों से पैसे की मांग की गयी. लेकिन तत्काल पैसे देने में असमर्थता जताने पर उन्हें थाना के हाजत में बंद कर दबाव बनाया गया. फिर एक पुलिस अधिकारी ने एक आरोपी सुदेश्वर चौधरी को हाजत से बाहर निकाल कर उसकी बेरहमी से पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. घायल युवक को सदर अस्पताल मे भर्ती किया गया है.

क्या है पूरा मामला : डंडा थाना क्षेत्र के बोंगासी गांव की सुचिता कुंवर के पति राम प्रवेश चौधरी की मौत 24 अप्रैल 2024 को सड़क दुर्घटना में हो गयी थी. बाद में सूचिता कुंवर ने अपने पिता सह डंडा थाना क्षेत्र के गोपाल चौधरी, मां तेतरी देवी व भाई हरेलाल चौधरी के साथ थाना में जाकर भैंसुर सुदेश्वर चौधरी व गोतनी कांति देवी समेत नौ लोगों के खिलाफ आवेदन दिया कि उसे डायन कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है. बताया गया कि इसके बाद पुलिस के बुलावे पर दोनों पक्ष 18 मई को थाना में पहुंचे. वहां सुदेश्वर चौधरी, विद्या चौधरी, कर्मदेव चौधरी, कांति देवी एवं सरिता देवी को हाजत में बंद कर दिया गया.

थाना प्रभारी ने 15 हजार रु मांगे : इसके बाद इन लोगों से 15 हजार रु लेकर मामला रफा-दफा करने का सौदा भी तय हो गया. लेकिन दो दिन बाद पैसा देने की बात आने पर डंडा थाना प्रभारी भड़क गये. इसके बाद सुदेश्वर चौधरी की थाने में ही जम कर धुनाई कर दी. इसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को थाना से छोड़ दिया. इस घटना को लेकर पीड़ित का पूरा परिवार भयभीत है.

थाना प्रभारी ने मारपीट से किया इनकार

इस संबंध में डंडा थाना प्रभारी अविनाश राज ने कहा कि सड़क दुर्घटना में कुछ दिन पहले रामप्रवेश चौधरी की मौत हो गयी थी. उक्त मामले में कुछ लोगों के द्वारा सड़क जाम किया गया था. धारा-144 का उल्लंघन करने के मामले में डंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उसी का खुन्नस निकालने के लिए उन लोगों के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है. डायन बिसाही के मामले को लेकर आवेदन प्राप्त हुआ था. इसके बाद दोनों पक्षों के अलावा मुखिया सहित गांव के गणमान्य लोगों को भी बुलाया गया था. सभी के समक्ष दोनों पक्ष को समझौता कराकर भेज दिया गया था. पैसा मांगने वह मारपीट का आरोप निराधार है.

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