डीइओ ने संत पॉल स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाध्यापिका से मांगा स्पष्टीकरण
डीइओ ने संत पॉल स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाध्यापिका से मांगा स्पष्टीकरण
शहर के संत पॉल एकेडेमिक गढ़वा में शुक्रवार को नौंवी कक्षा के एक छात्र द्वारा स्कूल मेें पिस्तौल लेकर जाने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कैशर रजा ने शनिवार को विद्यालय पहुंचकर घटना की जानकारी ली. डीइओ ने विद्यालय के प्रबंधक अगुस्तिन खेस और प्रधानाध्यापिका सिस्टर शांति से मामले में स्पष्टीकरण पूछा है. डीइओ ने कहा है कि शहर के रहनेवाले नौंवी कक्षा के एक छात्र के पास से विद्यालय में पिस्तौल पाये जाने के बाद इसकी जानकारी न तो उनको दी गयी और न ही जिला प्रशासन को. बल्कि दोनों लोगों ने उक्त मामले को छुपाने का प्रयास किया. यह उन दोनों के ही कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं अनुशासनहीनता दिखाता है. डीइओ ने इस संबंध से विद्यालय प्रबंधक एवं प्रधानाध्यापिका दोनों से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि आप दोनों बतायें कि आपके इस कृत्य के लिए क्यों नहीं दोनों के खिलाफ विधिसम्मत कारवाई की जाये.
डीइओ ने वर्ग शिक्षक से जानकारी ली : जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र के मुताबिक उनको शनिवार को संत पॉल स्कूल में पहुंचकर इस मामले की जांच की, तो नौंवी कक्षा के वर्ग शिक्षक ने डीइओ को बताया कि शुक्रवार को मध्यावकाश के समय उन्होंने पाया कि बच्चों के अंदर भय का माहौल है. ऐसी स्थिति में किसी बच्चे के पास कुछ होने की उन्हें शंका हुई. इसके बाद उन्होंने सभी बच्चों के बैग की जांच की, तो कक्षा नौंवी के एक छात्र के बैग में पिस्तौल पाया गया. इसका वजन करीब एक किलो होगा. उक्त बच्चे से पूछने पर उसने बताया कि उसके घर में यह पिस्तौल पांच सालों से है. वह अपने दोस्तों को घर पर पिस्तौल दिखा रहा था. वहां दो बैग रखा हुआ था. गलती से वह पिस्तौल स्कूल वाले बैग में रख दी थी. विद्यालय आने पर उसने देखा, तो वह डर गया कि सिस्टर देखेगी तो उसे डांटेगी.अभिभावक बोले, पहुत पहले से पिस्तौल है मेरा पास : शिक्षक प्रवीण टोप्पो ने बताया कि जब उसने अन्य बच्चों से इस संबंध में पूछताछ की, तो उनका कहना था कि यह बच्चा बहुत डरा हुआ है और रो रहा है. इसी क्रम में कक्षा में शिक्षक दीपक कुजूर, अर्चना कच्छप, लोमिना सोरेन एवं प्रकाश पहुंच गये और इसकी सूचना प्रधानाध्यापिका को तथा बाद में उसके अभिभावक को दी गयी. स्कूल पहंचने के बाद लड़के के अभिभावक ने बताया कि यह हथियार उनके पास कई साल से है. गलती से यह उसके बच्चे के बैग में आ गया. इसके बाद उक्त अभिभावक बच्चे और हथियार को लेकर घर चले गये. इसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने उक्त छात्र को स्थानांतरण प्रमाण दे दिया.
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