गुरुवार को रमकंडा प्रखंड कार्यालय में रंका अनुमंडल पदाधिकारी रुद्र प्रताप के अचानक पहुंचने के बाद मनरेगा व पंचायती राज से जुड़े कर्मी परेशान दिखे. प्रखंड कार्यालय पहुंचे एडसीओ श्री प्रताप ने करीब चार घंटे तक 15वें वित्त और मनरेगा योजनाओं से संबंधित योजनाओं के दस्तावेज की जांच की. अभिलेखों की जांच के बाद एसडीओ ने बिराजपुर पंचायत के 15वें वित्त से स्वीकृत चार योजनाओं की स्थल पर जाकर जांच की. इसमें पाया गया कि वार्ड सदस्यों की आपसी लड़ाई के कारण पंचायत में विकास कार्य प्रभावित है. उल्लेखनीय है कि बिराजपुर पंचायत के वार्ड सदस्यों के एक गुट ने पंचायत में 15वें वित्त से स्वीकृत कूप मरम्मत की तीन व पीसीसी सड़क निर्माण की एक योजना में अनियमितता की शिकायत की थी. इसके आलोक में गत वर्ष इन योजनाओं की जांच तो हुई, लेकिन जांच रिपोर्ट जिला कार्यालय को सौंपने से पहले संबंधित अधिकारियों का गढ़वा जिले से स्थानांतरण हो गया. इसी बीच गढ़वा डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा ने पिछले दिनों बिराजपुर की इन चार योजनाओं की जांच के लिए एसडीओ के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया. बुधवार को इन्ही योजनाओं की जांच करने के लिए एसडीओ के नेतृत्व में पहुंची टीम ने पहले अभिलेखीय जांच की. इसके बाद उन योजनाओं का स्थल जांच कर ग्रामीणों से भी मामले की जानकारी ली. इस दौरान मनरेगा से संचालित बिरसा सिंचाई कूप की भी जांच हुई.
रिपोर्ट डीडीसी को सौंपी जायेगी : एसडीओ
जांच के बाद रंका अनुमंडल पदाधिकारी श्री प्रताप ने बताया कि जांच के दौरान ग्रामीणों के बयान व शिकायत कर्ता वार्ड सदस्यों से पूछताछ में पाया गया कि वार्ड सदस्यों के आपसी झगड़े के कारण यहां विकास योजनाएं प्रभावित है. उन्होंने कहा कि योजनाओं की जांच में मिले तथ्यों सहित अन्य बिंदुओं की जांच रिपोर्ट डीडीसी को सौंपी जायेगी.उपस्थित लोग : जांच टीम में डीआरडीए के कमलेश कुमार, कनीय अभियंता संतन कुमार, सहायक अभियंता बलवंत कुमार के अलावे मनरेगा बीपीओ सुनील कुमार, जेई रवि कुमार, पंचायत सचिव अभय कुमार मिंज, रोजगार सेवक उदय राम, राजेश कुमार, उपमुखिया सबिता देवी, वार्ड सदस्य लालमन राम, प्रमोद सिंह, ननहेश्वर सिंह, ईश्वरी सिंह व अनारकली देवी सहित अन्य मौजूद थे.
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