गढ़वा. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा के आदेश से 90 दिवसीय आउट रीच प्रोग्राम के तहत मेराल प्रखंड के बौराहा गांव के दो असहाय अनाथ बच्चों की सुध ली गयी. बताया गया कि उनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है. उनको पालनेवाला कोई नहीं है. इन बच्चों को अब तक कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिल पाया है. इससे उनको अपना गुर्जर बसर करने में अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन अनाथ बच्चों का अब तक राशन कार्ड भी नहीं बन सका है और न ही कोई अन्य सहायता मिल रही है. मौके पर पीएलवी मुरली श्याम तिवारी ने बताया कि इन बच्चों के माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने एवं बच्चों को स्पॉन्सरशिप से जोड़ने के लिए उन्होंने तत्काल प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. जल्द ही इन अनाथ बच्चों को जरूरी सहायता दी जायेगी. श्री तिवारी ने बताया कि इसी तरह एक और असहाय व विधवा अंजली कौर जो ओड़िशा की रहने वाली है, वह अपने नौ साल के बच्चे के साथ लगभग एक माह से कभी फुटपाथ पर, कभी समाहरणालय के सामने पार्क के पास, कभी अस्पताल में तथा वर्तमान में महिला आश्रय गृह में रहने को विवश है. उसके पति की मौत आंध्रप्रदेश में सर्कस में मौत के कुएं में गाड़ी चलाने के दौरान हो गयी है. अंजली कौर भी मौत का कुएं में गाड़ी चलाया करती थी. सर्कस के मालिक ने पति की मृत्यु पर उसे मात्र 70 हजार रु मुआवजा दिया, लेकिन उस पैसे को भी मृतक के मामा ने हथिया लिया. मृतक का मामा गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड में है. इस वजह से वह विधवा दर-दर भटकने को विवश है. आवेदन लेकर हो रही कार्रवाई : श्री तिवारी ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने विधवा महिला से आवेदन लिया है. इसे अग्रेतर कार्रवाई के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा को समर्पित किया जा रहा है. मौके पर पीएलवी सुनीता पांडेय व विकास गौतम मौजूद थे.
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