जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के लिए पारित विभागीय संकल्प के आलोक में सोमवार को शासी निकाय की बैठक उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में हुई. समाहरणालय के सभाकक्ष में हुई शासी निकाय की इस बैठक में झारखंड पंचायत राज अधिनियम-2001 की धारा 77 (ख) के अनुपालन में डीआरडीए को विघटित करते हुए जिला परिषद में समाहित करने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में केंद्र प्रायोजित डीआरडीए प्रशासन योजना के बंद होने तथा पंचायती राज अधिनियम-2001 की धारा 77 (ख) के आलोक में डीआरडीए का जिला परिषद (पंचायती राज विभाग) में विलय तथा ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिए जिला ग्रामीण विकास शाखा के गठन की स्वीकृति के संबंध में विभिन्न प्रस्तावों व संकल्पों पर निर्णय लिये गये. इसके पूर्व डीआरडीए के जिला परिषद में विलय को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी. इसके बाद उपस्थित सदस्यों ने निर्णय लिये. इसके तहत ग्रामीण विकास विभाग के 10 जून 2024 के निर्देश के आलोक में उक्त तिथि से डीआरडीए गढ़वा के विघटन के बाद डीआरडीए प्रशासन के सभी कर्मी (स्थायी कर्मचारी को छोड़कर) आस्तियों एवं निधि को जिला परिषद में समाहित करने की सहमति प्रदान की गयी. साथ ही जिला परिषद कोषांग गठित करने का निर्णय लिया गया. विभागीय निर्देश के आलोक में डीआरडीए प्रशासन योजना अंतर्गत केंद्र से प्राप्त सहायता राशि अवशेष होने की स्थिति में इसे जिला परिषद के बैंक खातें में डाल कर उपयोग किये जाने का निर्णय लिया गया. कहा गया कि यदि विभाग बैठक में लिये गये निर्णय से संबंधित कोई संशोधन करता है, तो वैसी परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर संशोधन भी किया जा सकेगा.
उपस्थित लोग : बैठक में डीआरडीए के अतिरिक्त निदेशक, उत्तरी व दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी सामाजिक वानिकी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग पदाधिकारी व विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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