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पुलिस की कुशल रणनीति से नक्सल प्रभावित गांवों में हुआ शांतिपूर्ण मतदान

पुलिस की कुशल रणनीति से नक्सल प्रभावित गांवों में हुआ शांतिपूर्ण मतदान

By Prabhat Khabar News Desk | May 15, 2024 8:22 PM

गढ़वा जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रंका में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन गत छह माह से प्रयासरत था. यद्यपि यहां भाकपा माओवादियों का पहले ही सफाया किया जा चुका है. लेकिन नक्सली संगठन जेजेएमपी की कुछ समय से बढ़ी सक्रियता से प्रशासन को यह आशंका थी कि जेजेएमपी एरिया कमांडर टुनेश उरांव चुनाव के समय अपने प्रभाव क्षेत्र में बाधा उत्पन्न कर सकता है. वह दिसंबर 2023 में कुदरूम के ढेंगुरा एनकाउंटर में रंका थाना प्रभारी पर गोली चला चुका था. उक्त मुठभेड़ में टुनेश उरांव को भी गोली लगी थी. वह इसके प्रतिशोध की फिराक में था. लेकिन पुलिस प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के जसपुर से चुनेश उरांव को गिरफ्तार कर लिया. उसका हथियार एके-47 भी जब्त कर लिया गया. इसके बाद भी पुलिस आगे की कार्रवाई करती रही. इसी कड़ी में टुनेश के दस्ता के सदस्य राहुल केसरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी निशानदेही पर उसके पास से इंसास राइफल एवं 41 जिंदा गोली बरामद की गयी. किया गया. इसके बाद पुलिस प्रशासन को जेजेएमपी से राहत मिल गयी. पुलिस की इस कार्रवाई से अन्य छोटे-मोटे संगठनों में भी दहशत था और वे सुरक्षात्मक स्थिति में आ गये थे. सभी या तो इलाका छोड़कर भाग गये अथवा अंडर ग्राउंड हो गये. हालांकि इसके बाद भी पुलिस अन्य सभी मोर्चेां पर हमेशा सक्रिय रही. इस क्रम में रंका थाना में 20 लोगों पर झारा 107 के तहत एफआइआर दर्ज किया गया. इसमें 60 लोगों पर कार्रवाई की गयी. वहीं अवैध महुआ शराब बेचने वालों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया गया. इसके साथ ही 25 फरार वारंटियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

न वोट बहिष्कार का नारा लगा न कोई पोेस्टर मिला : भयमुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न कराने के लिए लाइसेंसी हथियार को थाना में जमा किया गया. रंका थाना क्षेत्र में कुल 80 संवेदनशील और कुछ अतिसंवेदनशील बूथ थे. यहां चुनाव कराना कठिन चुनौती थी. लेकिन प्रशासन की सूझबूझ से इस चुनौती से निपटने में सफलता मिली. वहीं सीमा क्षेत्र छत्तीसगढ़ से उग्रवादियों, अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों को रोकने में भी पुलिस सफल रही. चुनाव के पूर्व से ही छत्तीसगढ़ सीमा पर चेकनाका लगा दिया गया था. यहां सीमावर्ती क्षेत्र से आने-जाने वाले लोगों पर भी विशेष नजर रखी जा रही थी. रंका थाना क्षेत्र में लोकसभा चुनाव कार्य संपन्न कराने में 800 महिला-पुरुष पुलिस तैनात किये गये थे. इनमें आइटीबीपी व झारखंड जगुआर पुलिस के जवान शामिल थे. चुनाव के दौरान कहीं से भी वोट बहिष्कार का नारा अथवा पोेस्टर नहीं मिलना तथा नक्सल प्रभावित गांवों में अच्छा मतदान का प्रतिशत पुलिस की सफल रणनीति का परिणाम है.

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