हाथियों का उत्पात : ग्रामीणों ने रमकंडा-भंडरिया मार्ग किया जाम
हाथियों का उत्पात : ग्रामीणों ने रमकंडा-भंडरिया मार्ग किया जाम
हाथियों ने रमकंडा एवं भंडरिया वन क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लगातार उत्पात मचाया जाने एवं फसलों व घरों को क्षतिग्रस्त किये जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को रमकंडा-भंडरिया मुख्य मार्ग को तिलैयाटांड़ के समीप जाम कर दिया. जाम कर रहे ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. सड़क जाम की सूचना मिलते ही रमकंडा थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कुंटिया, भंडरिया थाना प्रभारी आशीष कुमार जायसवाल एवं भंडरिया वन क्षेत्र के वनपाल कमलेश कुमार ने जाम स्थल पर पहुंचकर एवं ग्रामीणों से बात कर जाम समाप्त करने की अपील की. ग्रामीण आये दिन हो रहे हाथियों के उत्पात पर आक्रोश व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हाथी उनकी फसलों, घरों व जीवन यापन का अन्य सामान सहित मवेशियों को लगातार नष्ट कर रहे हैं. पर वन विभाग हाथियों को भगाने की कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा है. उन्होंने थाना प्रभारी व वनपाल से हाथियों के झुंड को टीम बुलाकर इलाके से खदेड़ने एवं ग्रामीणों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की. थाना प्रभारी व वनपाल द्वारा इस संबंध में आश्वासन दिये जाने के बाद ग्रामीणों ने अपराह्न करीब तीन बजे जाम समाप्त किया.
प्रशासन पर गंभीरता नहीं दिखाने का आरोप
जामकर्ता ग्रामीणों ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से हाथियों का आतंक इस क्षेत्र में काफी बढ़ गया है. इससे वे लोग काफी परेशान हैं. रात-दिन दहशत में रह रहे हैं. इस समस्या को लेकर पिछले दिनों रमकंडा प्रखंड कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने गढ़वा डीसी शेखर जमुआर एवं डीएफओ ईबीन बेनी अब्राहम से मिलकर अपनी पीड़ा सुनायी थी. वहीं अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को लेकर राज्य स्तरीय अधिकारियों को जानकारी देने की बात कही थी. वहीं डीएफओ ने आश्वस्त किया था कि रमकंडा में कैंप लगाकर मुआवजा से संबंधित आवेदन लेकर उन्हें मुआवजा दिया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा व बचाव को लेकर टार्च, डीजल सहित प्रावधान के अनुरूप अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन कोई आश्वासन पूरा नहीं हुआ. इससे तंग आकर उन लोगों ने सड़क जाम किया है.दो घरों को क्षतिग्रस्त किया, फसल रौंदी
जान बचाकर भागे ग्रामीण : हाथियों के झुंड को भगाने गये उपरटोला एवं बिराजपुर गांव के ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचायी. ग्रामीणों ने कहा कि हाथी भगाने वाली टीम के नहीं पहुंचने पर वे लोग खुद हाथियों के झुंड को जंगल की ओर खदेड़ने में का प्रयास कर रहे थे. इसी बीच झुंड के कुछ हाथ उन लोगों की तरफ लपके. इससे घबराकर उन लोगों ने भागकर हाथियों से अपनी जान बचायी.
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